मोदी सरकार के ‘चालाकीपूर्ण पीआर’ से रेलवे के कुप्रबंधन को छिपाया नहीं जा सकता : कांग्रेस |

मोदी सरकार के ‘चालाकीपूर्ण पीआर’ से रेलवे के कुप्रबंधन को छिपाया नहीं जा सकता : कांग्रेस

मोदी सरकार के ‘चालाकीपूर्ण पीआर’ से रेलवे के कुप्रबंधन को छिपाया नहीं जा सकता : कांग्रेस

:   Modified Date:  March 3, 2024 / 10:13 PM IST, Published Date : March 3, 2024/10:13 pm IST

नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) कांग्रेस ने रविवार को कहा कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के दौरान भारतीय रेलवे को जिस तरह से ‘कुप्रबंधित’’ किया गया है, उसे ‘चालाकीपूर्ण प्रचार’ के जरिये छिपाया नहीं जा सकता।

साथ ही, पार्टी के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि रेलवे के लिए नीतियां केवल अमीरों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही, और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर विश्वास ‘‘धोखे की गारंटी’’ है।

राहुल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हवाई चप्पल’’ पहनने वालों को ‘‘हवाई जहाज’’ से यात्रा के सपने दिखाकर प्रधानमंत्री उन्हें ‘‘गरीबों की सवारी’’ रेलवे से भी दूर कर रहे हैं।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हर साल किराये में 10 प्रतिशत वृद्धि, डायनेमिक फेयर (मांग के अनुरूप किराया बढ़ाने) के नाम पर लूट, टिकट रद्द कराने के बढ़ते शुल्क और महंगे प्लेटफार्म टिकट के बीच, लोगों को एक ऐसी ‘एलीट ट्रेन’ की तस्वीर दिखाकर बहलाया जा रहा है जिस पर गरीब पैर तक नहीं रख सकता।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार ने पिछले तीन वर्ष में वरिष्ठ नागरिकों से 3,700 करोड़ रुपए वसूले हैं और ये काम उसने वरिष्ठ नागरिकों को दी गई छूट को ‘छीन कर’ किया है।

राहुल ने आरोप लगाया कि प्रचार के लिए चुनी गई ट्रेन को प्राथमिकता देने के लिए आम लोगों की ट्रेन की गति धीमी कर दी जाती है।

उन्होंने कहा कि रेलवे की प्राथमिकताओं में गरीब और मध्यम वर्ग के यात्री कहीं नहीं हैं।

उन्होंने कहा,‘‘एसी (वातानुकूलित) डिब्बों की संख्या बढ़ाने के लिए सामान्य डिब्बों की संख्याओं को घटाया जा रहा है। इन (सामान्य) डिब्बों में न केवल मजदूर और किसान, बल्कि छात्र और नौकरीपेशा लोग भी यात्रा करते हैं। एसी डिब्बों का निर्माण भी सामान्य डिब्बों से तीन गुना तक बढ़ा दिया गया है।’’

उन्होंने कहा,‘‘असल में, अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा को समाप्त करना इस शोषण को छिपाने की साजिश है।’’

उन्होंने कहा कि सिर्फ अमीरों को ध्यान में रख कर बनाई जा रही रेलवे की नीतियां ट्रेन से सफर करने पर निर्भर भारत की 80 प्रतिशत आबादी के साथ धोखा है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘चालाकीपूर्ण प्रचार (पीआर), मंत्रियों के सोशल मीडिया पोस्ट और बड़ी-बड़ी घोषणाएं, मोदी शासन के दौरान भारतीय रेलवे के किये गये कुप्रबंधन को छिपा नहीं सकती।’’

रमेश ने कहा कि पांच प्रमुख मुद्दे उभरे हैं – ‘‘टिकट वसूली, गरीब विरोधी बुनियादी ढांचे की प्राथमिकताएं, ट्रेन की धीमी गति, यात्री सुरक्षा के प्रति उदासीन रवैया और रेलवे की बिगड़ती वित्तीय स्थिति।’’

मुद्दों को समझाते हुए, रमेश ने कहा कि प्रति यात्री, प्रति किलोमीटर औसत कीमत पर रेलवे की रिपोर्ट इस प्रकार है।

उन्होंने कहा कि 2013-14 में, यह 0.32 रुपये/यात्री-किमी थी और 2021-22 तक, यह दोगुनी से अधिक 0.66 रुपये/यात्री-किमी हो गई, जो 107 प्रतिशत की वृद्धि है।

रमेश ने कहा, ‘‘यदि हम इसकी तुलना 2003-04 से 2013-14 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के प्रदर्शन से करते हैं, तो हमें 0.24 रुपये से 0.32 रुपये (33 प्रतिशत की वृद्धि) की कहीं अधिक उचित वृद्धि दिखाई देती है। कांग्रेस रेलवे को भारत के समाज और अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में देखती है, न कि केवल वसूली के साधन के रूप में!’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यदि हम औसत और विशिष्ट टिकट के प्रकारों को देखें, तो वसूली और भी अधिक स्पष्ट नजर आती है। हमें भारत के लोगों से जबरन वसूली के इतने सारे अलग-अलग तरीके ईजाद करने के लिए मोदी सरकार को श्रेय देना चाहिए!’’

रमेश ने कहा, ‘वसूली’ के लिए ये चार रणनीतियां अपनाई गई हैं – फर्जी सुपरफास्ट अधिभार, वरिष्ठ नागरिकों को दी गई रियायतें वापस लेना, डायनेमिक मूल्य निर्धारण धोखाधड़ी और तथाकथित ‘विशेष’ ट्रेनों का लंबा विस्तार।

कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘टिकट वसूली’ का पहला जरिया फर्जी ‘सुपरफास्ट अधिभार’ है। उन्होंने कहा कि पहले यह केवल प्रीमियम श्रेणी की रेलगाड़ियों पर लागू होता था, लेकिन अब इसे मोदी सरकार द्वारा चुनी गई किसी भी ट्रेन सेवा पर लागू किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए अक्टूबर 2022 में, देश भर में 130 से अधिक साधारण मेल एक्सप्रेस ट्रेन को ‘सुपरफास्ट’ का दर्जा दे दिया गया।

उन्होंने मीडिया की एक खबर टैग करते हुए पोस्ट में दावा किया कि यात्रियों को शयनयान श्रेणी में प्रति आरक्षण 180 रुपये तक अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है, जबकि ट्रेन की गति या गुणवत्ता में कोई वास्तविक सुधार तक नहीं हुआ है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वास्तव में, कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) ने पाया कि 95 प्रतिशत तक, ‘सुपरफास्ट’ रेलगाड़ियां देरी से चलती हैं या करोड़ों अधिभार वसूलने के बावजूद सुपरफास्ट गति से नहीं चल पाती हैं।’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल टिकट रियायतें वापस ले लीं।’’ उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों से अब बहुत अधिक किराया वसूला जा रहा है जबकि वे तीर्थयात्रा करने, अपने बच्चों से मिलने जाने या उपचार कराने के लिए ट्रेन से सफर करते हैं।

रमेश ने दावा किया कि इस नीति के बाद से तीन वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों से 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की लूट की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘डायनेमिक फेयर धोखाधड़ी शायद मोदी सरकार द्वारा लूट का सबसे स्पष्ट रूप है। टिकट की अधिक मांग वाले मार्गों पर किराये में 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है, जिससे गरीब यात्रियों को समस्या हो रही है।’’

उन्होंने कहा,‘‘ उदाहरण के लिए, 2013-2014 में मुंबई से पटना के लिए शयनयान श्रेणी के टिकट की कीमत 533 रुपये थी। डायनेमिक फेयर निर्धारण के कारण त्योहारों के दौरान इस श्रेणी में एक टिकट की कीमत 2,625 रुपये तक पहुंच गयी।’’

उन्होंने कहा कि रेलवे टिकट का ‘डायनेमिक फेयर’ अक्सर विमान टिकट की कीमत से भी अधिक हो जाता है।

उन्होंने दावा किया कि जो प्रवासी श्रमिक छठ पूजा के अवसर पर यात्रा करना चाहते हैं या जो छात्र छुट्टियों में अपने परिवार से मिलने जाना चाहते हैं, उन्हें अब भारत की रेलवे प्रणाली से बाहर कर दिया जा रहा है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किराया बढ़ाने के लिए ‘विशेष’ ट्रेन के दर्जे का दुरुपयोग किया जा रहा है।

रमेश ने कहा, ‘‘विशेष रेलगाड़ियों को छह महीने से एक साल तक चलाया जाना चाहिए, लेकिन विजयपुरा-मंगलुरु मार्ग पर ऐसी रेलगाड़िया हैं जो तीन वर्षों से अधिक समय से ‘विशेष’ रेलगाड़ी के तौर पर परिचालित की जा रही हैं, और इनमें 50 प्रतिशत अधिक किराया लिया जा रहा है।’’

भाषा धीरज सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)