महरौली पुरातात्विक उद्यान में मस्जिद, अभिलेखों में दर्ज कब्रें नहीं तोड़ रहे : डीडीए |

महरौली पुरातात्विक उद्यान में मस्जिद, अभिलेखों में दर्ज कब्रें नहीं तोड़ रहे : डीडीए

महरौली पुरातात्विक उद्यान में मस्जिद, अभिलेखों में दर्ज कब्रें नहीं तोड़ रहे : डीडीए

:   Modified Date:  September 21, 2023 / 07:00 PM IST, Published Date : September 21, 2023/7:00 pm IST

नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह महरौली पुरातात्विक उद्यान में और उसके आसपास किसी मस्जिद या अभिलेखों में दर्ज कब्रों और दिल्ली वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाली किसी वैध संपत्ति को ध्वस्त नहीं कर रहा है।

डीडीए ने यह बयान मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ के समक्ष दिया जिसने दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से दायर याचिका को निस्तारित किया।

वक्फ बोर्ड ने याचिका में शिकायत की थी कि अनधिकृत ढांचों को हटाने के दौरान डीडीए वक्फ की संपत्तियों को हटा रहा है जो उसकी देखरेख और नियंत्रण में है एवं उनका धार्मिक महत्व है।

दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने कहा कि वक्फ संपत्ति पर अतिक्रमण हटाने का अधिकार याचिकाकर्ता के पास है, लेकिन उसे डीडीए द्वारा इस अधिकार के इस्तेमाल पर कोई आपत्ति नहीं है।

अधिवक्ता ने कहा लेकिन डीडीए को महरौली पुरातात्विक उद्यान में स्थित अभिलेखों में दर्ज कब्रों, मस्जिद या मजार के हिस्सों को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए।

अदालत ने रेखांकित किया कि डीडीए के वकील ने पिछले साल 23 दिसंबर को बयान दिया था कि प्राधिकरण इन ढांचों को ध्वस्त नहीं करेगा और उद्यान के आसपास के इलाकों के लिए चिह्नित रिपोर्ट के आधार पर कार्य करेगा।

हालिया सुनवाई में डीडीए के वकील ने दोहराया और भरोसा दिया कि वक्फ के स्वामित्व वाली मस्जिद, अभिलेखों में दर्ज कब्रों और अन्य संपत्तियां ध्वस्तीकरण से प्रभावित नहीं होंगी।

पीठ ने कहा, ‘‘डीडीए के वकील द्वारा दिए बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए और इसके लिए उन्हें प्रतिबद्ध करने के साथ मौजूदा याचिका का निस्तारण किया जाता है।’’

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

 

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