गुवाहाटी/ इंफाल, 22 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में कई जांच एजेंसी के सहयोग से चलाए गए देशव्यापी तलाशी अभियान के तहत असम में बृहस्पतिवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 10 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। इन्हें सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने और आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करने के आरोप में पकड़ा गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की टीम ने मणिपुर के थौबल जिले में स्थित पीएफआई के कार्यालय पर भी छापा मारा और बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किये, लेकिन यहां से किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
करीब 11 राज्यों में एक साथ की गई छोमारी के दौरान कथित रूप से आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने पर पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया। असम पुलिस की ओर से गुवाहाटी में जारी बयान के मुताबिक संगठन के नेताओं को गिरफ्तार किया गया, क्योंकि पक्की सूचना मिली है कि ये लोग राज्यभर में सांप्रदायिक तनाव भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।
बयान में दावा किया गया कि वे लोग राज्य और केंद्र सरकार के कदमों की आलोचना करते हैं जिनमें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी), संदिग्ध मतदाता (डी-वोटर), राज्य शिक्षा नीति, पशु संरक्षण कानून, सशस्त्र बल विशेष शक्ति कानून (अफस्पा), टीईटी परीक्षा, अग्निपथ योजना, सरकारी जमीन पर कब्जे से लोगों को हटाने की निंदा करना आदि शामिल हैं।
पुलिस ने आरोप लगाया कि वे लोग सरकारी कर्मचारियों के काम में बलपूर्वक बाधा डालने का प्रयास करते थे।
बयान में दावा किया गया है कि लोगों को भड़काने के लिए पीएफआई के कार्यकर्ता व्यापक रूप से साइबर स्पेस का इस्तेमाल करते थे।
पुलिस के बयान के मुताबिक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में ये कार्यकर्ता विभिन्न मुद्दों को लेकर कथित रूप से विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में शामिल रहे हैं। असम के करीमगंज, बारपेटा, बक्सा, कामरूप (ग्रामीण), गोवालपारा और कामरूप (मेट्रो) जिलों को सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माना जाता है।
मणिपुर के थौबल जिले में पीएफआई के लिलोंग बाजार कार्यालय में छापेमारी के दौरान एनआईए की टीम के साथ राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैनिक (सीआरपीएफ) बल के जवान मौजूद थे, जहां से कई दस्तावेज जब्त किये गये।
एनआईए कार्यालय का ताला खोलने के लिए पीएफआई के राज्य महासचिव मोहम्मद रफीजुद्दीन को घर से लेकर आई।
छापेमारी के बाद पीएफआई के राज्य अध्यक्ष मोहम्मद अब्दुल्लाह ने संवाददाताओं से कहा कि उनके संगठन का भारतीय संविधान के खिलाफ काम करने वाले किसी संगठन से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘पीएफआई सभी चुनौतियों का सामना करेगा और हमेशा भारत की एकता के लिए खड़ी रहेगा।’’
छापेमारी की खबर फैलते ही पीएफआई कार्यालय के बाहर लोगों की भीड़ एकत्र हो गई जिसने एनआईए के खिलाफ नारेबाजी की।
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश
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