नौसैन्य कमांडरों ने रणनीतिक द्वीपीय क्षेत्रों में लड़ाकू क्षमता को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की |

नौसैन्य कमांडरों ने रणनीतिक द्वीपीय क्षेत्रों में लड़ाकू क्षमता को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की

नौसैन्य कमांडरों ने रणनीतिक द्वीपीय क्षेत्रों में लड़ाकू क्षमता को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की

:   Modified Date:  March 9, 2024 / 08:42 PM IST, Published Date : March 9, 2024/8:42 pm IST

नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडरों ने समुद्री क्षेत्र में देश के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा की और रणनीतिक रूप से स्थित द्वीप क्षेत्रों सहित सैन्य बल की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे के बीच अपनी युद्धक क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत ने बुधवार को लक्षद्वीप के मिनिकॉय में एक नया नौसैन्य अड्डा आईएनएस जटायु शुरू किया।

शुक्रवार को संपन्न हुए नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में भारत की समुद्री ताकत को और मजबूत करने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हुई। सम्मेलन का उद्घाटन सत्र पांच मार्च को विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर आयोजित किया गया था। परिचालन मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श 7 और 8 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में हुआ।

नौसेना ने कहा कि दिल्ली में बैठक में प्रमुख परिचालन, सामग्री, बुनियादी ढांचे, रसद और कर्मियों से संबंधित पहल की समीक्षा शामिल थी। शनिवार को एक बयान में कहा गया, ‘‘इसके अलावा, वरिष्ठ नौसैन्य नेतृत्व ने समुद्री क्षेत्र में समकालीन और भविष्य की चुनौतियों के मद्देनजर द्वीपीय क्षेत्रों में क्षमता वृद्धि सहित मौजूदा और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा की।’’

बयान में कहा गया, ‘‘थल सेना और वायु सेना के प्रमुखों ने भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत कर अभियानगत हालात के अपने आकलन को साझा किया और मौजूदा तथा उभरती सुरक्षा चुनौतियों के बीच राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तैयारी के स्तर की रूपरेखा तैयार की।’’

नौसेना ने कहा कि त्रि-सेवा तालमेल और सहयोग को बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रों और अन्य पहलुओं पर चर्चा हुई।

समझा जाता है कि नौसेना कमांडरों ने गाजा में इजराइल के सैन्य हमले के जवाब में हूती आतंकवादियों द्वारा लाल सागर और क्षेत्र के अन्य रणनीतिक जलमार्गों में विभिन्न मालवाहक जहाजों को निशाना बनाने से उत्पन्न समग्र स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया।

पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय नौसेना ने पश्चिमी हिंद महासागर में कई व्यापारिक जहाजों पर हुए हमलों के बाद उन्हें सहायता प्रदान की है।

सम्मेलन में अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम एशिया और आसपास के समुद्रों में हाल की घटनाओं और अन्य घटनाक्रम पर भारतीय नौसेना की ‘‘साहसिक और त्वरित’’ प्रतिक्रिया की सराहना की।

सिंह ने हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में भारतीय नौसेना की अपेक्षित नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित करते हुए कमांडरों से संघर्ष के सभी क्षेत्रों में अभियान के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)