खरगोन में दंगों के बाद ढहाए गए पीएमएवाई आवास की मालकिन को नये घर की पेशकश |

खरगोन में दंगों के बाद ढहाए गए पीएमएवाई आवास की मालकिन को नये घर की पेशकश

खरगोन में दंगों के बाद ढहाए गए पीएमएवाई आवास की मालकिन को नये घर की पेशकश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : April 18, 2022/7:55 pm IST

खरगोन, 18 अप्रैल (भाषा) मध्य प्रदेश के हिंसा प्रभावित खरगोन शहर में अधिकारियों ने एक बुजुर्ग महिला को एक घर की पेशकश की है। इस महिला का घर प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत बनाया गया था, लेकिन दंगे के संदिग्ध आरोपियों की संपत्तियों के खिलाफ जिला प्रशासन के तोड़फोड़ अभियान में इस घर को भी ढहा दिया गया था। महिला के बेटे ने सोमवार को यह जानकारी दी।

हालांकि प्रभावित परिवार ने सुरक्षा चिंता का हवाला देते हुए प्रस्ताव को फिलहाल खारिज कर दिया है। प्रशासन ने कहा कि उनकी जगह बदलने के संबंध में कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया गया है।

खसखस वाड़ी क्षेत्र में सरकारी जमीन के एक टुकड़े पर हसीना फखरु (60) का मकान था। फखरु को इंदिरा नगर में केंद्र की आवास योजना के तहत बने एक बहुमंजिला इमारत में एक घर देने की पेशकश की गई है।

महिला के बेटे अमजद खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘नगरपालिका के अधिकारियों ने हमसे मुलाकात की और इंदिरा नगर में एक बहुमंजिला इमारत में एक घर देने की पेशकश की।’’

खान ने कहा, ‘‘हालांकि फिलहाल सुरक्षा की चिंता के मद्देनजर हमने प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।’’

अनुमंडल दंडाधिकारी (एसडीएम) मिलिंद ढोके ने कहा कि चूंकि महिला गरीब है, इसलिए वह राज्य सरकार के निर्देशानुसार मामले में कार्रवाई करेंगे। हालांकि, मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) प्रियंका पटेल ने कहा कि अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया गया है।

दस अप्रैल को रामनवमी समारोह के दौरान शहर में सांप्रदायिक दंगे भड़कने के बाद इस महिला के घर को ‘‘अवैध’’ बताकर बुलडोजर से गिरा दिया गया था।

सोमवार (11 अप्रैल) को अधिकारियों द्वारा दंगों में कथित तौर पर शामिल लोगों के ‘‘अवैध’’ घरों और दुकानों को इस अभियान के तहत ध्वस्त कर दिया गया था। दंगे के बाद खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया था।

पटेल ने तब कहा था, ‘‘ पीएमएवाई के तहत घर आवासीय उद्देश्य के लिए होते हैं, लेकिन जब नगरपालिका का दल इस मकान के अंदर गया तो पाया कि इसका इस्तेमाल किसी अन्य कार्य के लिए किया जा रहा था और वहां कोई भी नहीं रह रहा था।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘ उन्होंने सरकारी जमीन पर घर का निर्माण किया, जबकि उन्हें एक अलग जगह पर घर के लिए पीएमएवाई के तहत मंजूरी मिली थी। तहसील अदालत में अतिक्रमण का मामला चल रहा था। तहसीलदार ने इसे हटाने के आदेश जारी किए थे।’’

फखरु ने स्वीकार किया कि उनके परिवार को तहसीलदार ने नोटिस दिया था और जिस जमीन पर वे सालों से रह रहे हैं, वह उनकी नहीं है।

एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाने का नोटिस महिला को पहले मार्च में और फिर सात अप्रैल को दिया गया था और सोमवार (11 अप्रैल) को इसे अमल में लाया गया।

भाषा सं दिमो

सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)