नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ने उच्चतम न्यायालय में एक अंतरिम याचिका दायर करके लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण का मतदान समाप्त होने के 48 घंटे के भीतर मतदान का ‘पूर्ण आंकड़ा’ आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया है।
‘द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने 2019 की अपनी जनहित याचिका में एक अंतरिम अर्जी दायर की है। एनजीओ ने 2019 की अपनी याचिका में मतदान के बाद सभी मतदान केंद्रों के ‘फॉर्म 17 सी भाग-I (दर्ज किए गए मतों का लेखा-जोखा) की स्कैन की गई सुपाठ्य प्रतियां’ तुरंत अपलोड करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया है।
एनजीओ ने कहा, “निर्वाचन आयोग को 2024 के लोकसभा चुनावों में आगामी प्रत्येक चरण के मतदान के बाद फॉर्म 17सी भाग-I में दर्ज मतों का पूरा आंकड़ा मतदान केंद्र-वार सारिणीबद्ध प्रदान करने का निर्देश दें। साथ ही 2024 के मौजूदा लोकसभा चुनाव में निर्वाचन क्षेत्र-वार मतदान का पूरा आंकड़ा सारिणीबद्ध करने का भी निर्देश दिया जाए।”
उसने कहा कि याचिका यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की गई है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया चुनावी अनियमितताओं से प्रभावित न हो।
याचिका में कहा गया है, “निर्वाचन आयोग द्वारा जारी 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले दो चरणों के लिए मतदान का डेटा 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान के 11 दिन बाद और 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान के चार दिन बाद 30 अप्रैल को प्रकाशित किया गया।’’
इसमें कहा गया है, “निर्वाचन आयोग द्वारा 30 अप्रैल, 2024 को एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रकाशित डेटा मतदान के दिन शाम 7 बजे तक ईसीआई द्वारा घोषित प्रारंभिक मतदान प्रतिशत की तुलना में तेज वृद्धि (लगभग 5-6%) दर्शाता है।”
याचिका में कहा गया है कि अंतिम मतदान आंकड़ा जारी करने में ‘अत्यधिक’ देरी, साथ ही 30 अप्रैल, 2024 के निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट में पांच प्रतिशत से अधिक के असामान्य रूप से उच्च संशोधन ने आंकड़े की शुद्धता के बारे में चिंताएं और सार्वजनिक संदेह बढ़ा दिया है।’’
इसमें कहा गया है कि कुल मतदान प्रतिशत जारी न होने के साथ-साथ वोट के आंकड़े जारी करने में ‘अनुचित देरी’ के कारण शुरुआती आंकड़ों और 30 अप्रैल को जारी आंकड़ों के बीच तेज वृद्धि को लेकर मतदाताओं के मन में आशंकाएं पैदा हुई हैं।
इसमें कहा गया है, “इन आशंकाओं का समाधान किया जाना चाहिए और उन पर विराम लगाया जाना चाहिए। मतदाताओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि निर्वाचन आयोग को सभी मतदान केंद्रों के फॉर्म 17 सी भाग-I (दर्ज मतों का लेखा जोखा) की स्कैन की गई सुपाठ्य प्रतियों का खुलासा मतदान समाप्त होने के 48 घंटे के भीतर आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया जाए, जिसमें पड़े मतों के प्रमाणित आंकड़े शामिल हों।”
भाषा अमित सुरेश
सुरेश
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