नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गौतम बुद्ध नगर में एक आवासीय परिसर में जल-मल शोधन प्रणाली (एसटीपी) काम नहीं करने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को कार्रवाई करने का सोमवार को निर्देश दिया।
अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व वाली पीठ ने यूपीपीसीबी, राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) और नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) के मुख्य कार्याधिकारी को पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को रोकने तथा विगत में हुए उल्लंघन के मामले में जवाबदेही तय करने के लिए कानून के अनुरूप सुधारात्मक कदम उठाने का भी निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि एसईआईएए, उत्तर प्रदेश के सदस्य सचिव समन्वय और अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेंगे तथा संबंधित प्राधिकरण पर्यावरण मंजूरी और स्थिति से संबंधित चीजों को देखेंगे।
इसने कहा कि आवेदक यूपीपीसीबी, एसईआईएए, उत्तर प्रदेश और नोएडा के मुख्य कार्याधिकारी को संबंधित दस्तावेज सौंप सकता है तथा एक सप्ताह के भीतर मामले के संबंध में शपथपत्र दायर किया जाना चाहिए।
मामले में अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।
अधिकरण नोएडा के सेक्टर 120 स्थित आवासीय परिसर, आरजी रेजिडेंसी में एसटीपी के काम नहीं करने और इससे गंदा पानी निकलने को लेकर आरजी रेजिडेंसी ओनर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
भाषा
नेत्रपाल अनूप
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