बेंगलुरु, 25 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को दावा किया कि जिला प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर उनके मंत्रिमंडल में कोई असंतोष नहीं है। उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों से पहले और बाद में उनसे (मंत्रियों) बात की गई थी।
मुख्यमंत्री का बयान ऐसे समय आया है जब कुछ मंत्रियों को गृह जिले का प्रभार नहीं मिलने पर खुलकर नाराजगी व्यक्त करने से रोका गया है।
बोम्मई ने कहा, ‘‘ मैंने जिला प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति करने से पहले सभी (मंत्रियों)से बात की और नियुक्ति के बाद भी चर्चा की। यह हमारी पार्टी की राष्ट्रीय नीति है कि मंत्रियों को अन्य जिलों का प्रभारी बनाया जाना चाहिए, न कि अपने जिले का।’’
यहां पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सभी से विस्तृत चर्चा करने के बाद यह नियुक्तियां की गई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने भी किसी तरह का असंतोष व्यक्त नहीं किया है, ऐसी कोई बात नहीं है… मैंने सभी मंत्रियों से बात की है, असंतोष का कोई सवाल नहीं है। हम सभी एकजुट हैं और जनता के लिए काम करने का फैसला किया है एवं हम उस दिशा में काम कर रहे हैं…मनमुटाव या असंतोष की चर्चा सच्चाई से परे है।’’
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बनने के करीब छह महीने के बाद बोम्मई ने सोमवार को अपने मंत्रियों को जिलों का प्रभार आवंटित किया जबकि अहम बेंगलुरु शहर जिले को उन्होंने अपने पास रखा।
पूर्ववर्ती बीएस येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार के विपरीत बोम्मई ने पूरी तरह से बदलाव किया है और किसी भी मंत्री को उस जिले का प्रभार नहीं दिया है जहां की विधानसभा सीट से वह निर्वाचित हुआ है।
इस बीच,पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने आज दोहराया कि भाजपा और जनता दल (एस) के कुछ नेता उनके संपर्क में है और वह उनके नामों का खुलासा नहीं करेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने भी सोमवार को दावा किया था कि कुछ विधायक और मंत्री जिनमें से अधिकतर दूसरी पार्टियों से भगवा दल में आए हैं, कांग्रेस के संपर्क में हैं और वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद पाला बदल लेंगे।
भाषा धीरज प्रशांत
प्रशांत
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