कोरापुट (ओडिशा), 10 मई (भाषा) ओडिशा के मलकानगिरी जिले में माओवाद से प्रभावित स्वाभिमान अंचल में धीरे-धीरे स्थिति में सुधार हुआ है और इसलिए प्रशासन ने मतदान कर्मियों और सुरक्षा बलों को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद नहीं लेने का फैसला किया है। अब उन्हें हेलीकाप्टर से इलाके में नहीं उतारा जाएगा, जैसा कि 2019 में किया गया था।
एक अधिकारी ने बताया कि यहां साल 2018 में गुरुप्रिया पुल बन जाने से स्वाभिमान अंचल के लगभग सभी 151 गांवों तक सड़क संपर्क कायम हो गया है, इसलिये मतदान कर्मी और सुरक्षाबल आसानी से पहुंच सकते हैं।
ओडिशा में हुए पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान स्वाभिमान अंचल के कम से कम नौ मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को हेलीकॉप्टर से नीचे उतारा गया था।
अधिकारियों ने इस बार स्वाभिमान अंचल के 23 मतदान केंद्रों में से जंत्री और सन्यासीगुडा तक मतदान कर्मियों को नावों से पहुंचने और बाकी केंद्रों तक सड़क मार्ग का उपयोग करने के लिए कहा है।
मलकानगिरी के पुलिस अधीक्षक नितेश वाधवानी ने बताया कि पहले सुरक्षाबलों और मतदान अधिकारियों के परिवहन के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जाता था। हालांकि, इस बार वे दो मतदान केंद्रों को छोड़कर बाकी सभी मतदान केंद्रों पर सड़क से जाएंगे।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो निकटवर्ती कोरापुट जिले के जेपोर हवाई अड्डे पर एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा कि जिले में कुल 547 में से 100 अति संवेदनशील मतदान केंद्र हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि स्वाभिमान अंचल वर्तमान में माओवादी गतिविधियों से मुक्त है, जिससे दूरदराज के गांवों में भी उचित सुरक्षा व्यवस्था के साथ चुनाव प्रचार की अनुमति दी गई है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य बिना किसी हिंसा के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।’
भाषा
प्रीति नरेश
नरेश
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