भाजपा के निलंबित विधायकों की अर्जी पर अदालत ने विधानसभा अध्यक्ष से हलफनामा दाखिल करने को कहा |

भाजपा के निलंबित विधायकों की अर्जी पर अदालत ने विधानसभा अध्यक्ष से हलफनामा दाखिल करने को कहा

भाजपा के निलंबित विधायकों की अर्जी पर अदालत ने विधानसभा अध्यक्ष से हलफनामा दाखिल करने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : April 26, 2022/1:02 am IST

कोलकाता, 25 अप्रैल (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और चार अन्य भाजपा विधायकों की उस याचिका पर दो मई तक ‘एफीडेविट-इन-अपोजिशन’ दाखिल करने का सोमवार को निर्देश दिया, जिसमें उन्होंने कथित दुर्व्यवहार के लिए सत्र की शेष अवधि के लिए सदन से अपने निलंबन को चुनौती दी है।

भाजपा के दो अन्य विधायकों ने अदालत के समक्ष एक अलग याचिका दायर की है, जिन्हें उसी बजट सत्र के दौरान पहले की तारीख में सदन से निलंबित किया गया था। अध्यक्ष को इसी तरह के एक आदेश में ‘एफीडेविट-इन-अपोजिशन’ दाखिल करने का निर्देश दिया गया।

न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने अध्यक्ष को दो मई तक अपनी स्थिति बताते हुए दो याचिकाओं के संबंध में अलग-अलग ‘एफीडेविट-इन-अपोजिशन’ दाखिल करने का निर्देश दिया।

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता अध्यक्ष के हलफनामे पर चार मई तक अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। न्यायमूर्ति मंथा ने निर्देश दिया कि दोनों मामलों पर पांच मई को फिर से सुनवाई की जाएगी।

अधिकारी और चार अन्य विधायकों के वकील ने यह दावा करते हुए कि अध्यक्ष बिमान बनर्जी का आदेश अवैध था, कहा कि यह ‘‘पश्चिम बंगाल विधानसभा में कामकाज के नियमों और प्रक्रिया’’ के विपरीत है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि सदन के सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबन अत्यधिक है और याचिकाकर्ताओं के खिलाफ पाए गए दुर्व्यवहार के अनुरूप नहीं है।

अदालत के समक्ष अध्यक्ष की ओर से पेश महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने इस मुद्दे के संबंध में कुछ तथ्यों को रिकॉर्ड में लाने के लिए ‘एफीडेविट-इन-अपोजिशन’ दाखिल करने के लिए समय मांगा।

28 मार्च को सदन के एक प्रस्ताव द्वारा विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ ही भाजपा विधायक दीपक बर्मन, शंकर घोष, मनोज तिग्गा और नरहरि महतो को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।

भाजपा विधायक सुदीप मुखर्जी और मिहिर गोस्वामी, जिन्हें 9 मार्च को विधानसभा के सत्र की शुरुआत के दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान 7 मार्च को कथित दुर्व्यवहार के लिए शेष बजट सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया था, उन्होंने एक अन्य याचिका दायर की थी।

भाषा अमित पारुल

पारुल

 

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