संसद की सुरक्षा में सेंध: पुलिस ने जले हुए फोन के टुकड़े बरामद किए, सबूत मिटाने का आरोप जोड़ा गया |

संसद की सुरक्षा में सेंध: पुलिस ने जले हुए फोन के टुकड़े बरामद किए, सबूत मिटाने का आरोप जोड़ा गया

संसद की सुरक्षा में सेंध: पुलिस ने जले हुए फोन के टुकड़े बरामद किए, सबूत मिटाने का आरोप जोड़ा गया

:   Modified Date:  December 18, 2023 / 12:37 AM IST, Published Date : December 18, 2023/12:37 am IST

(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) संसद की सुरक्षा में सेंध लगने के चार दिन बाद दिल्ली पुलिस ने रविवार को जांच तेज करते हुए आरोपियों के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए और राजस्थान के नागौर से टूटे और जले हुए कुछ मोबाइल फोन के टुकड़े बरामद किये।

सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के घरों की तलाशी ली और उनके परिवार के बयान दर्ज किए।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी में सबूत मिटाने से जुड़ी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं जोड़ दी हैं।

जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए छह लोगों में से एक ललित झा की निशानदेही पर शनिवार को मोबाइल फोन के कुछ टुकड़े बरामद किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम शनिवार को झा को राजस्थान के नागौर ले गई जहां वह आरोपी महेश कुमावत की मदद से ठहरा था।

सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 13 दिसंबर को दर्ज प्राथमिकी में धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करना/साक्ष्य गायब करना) सहित आईपीसी की और धाराएं जोड़ने का फैसला किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कड़े गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवाद के आरोप दर्ज किए हैं।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि झा और कुमावत ने मामले से संबंधित तकनीकी सबूत छिपाने के लिए जानबूझकर मोबाइल फोन नष्ट कर दिए।

दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में कथित संलिप्तता के लिए अब तक छह लोगों-सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी, ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया है।

आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने ‘केन’ से पीला धुआं उड़ाते हुए नारेबाजी की जिसके बाद सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था।

लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘केन’ से रंगीन धुआं फैलाते हुए ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाए थे। गेट के बाहर मौजूद झा ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था। इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर अपने दोस्तों के साथ शेयर करने के बाद वह राजस्थान के नागौर चला गया।

कुमावत और आरोपी कैलाश ने कथित तौर पर वहां उसके ठहरने की व्यवस्था की थी, ये दोनों चचेरे भाई हैं।

बाद में झा और कुमावत ने दिल्ली आकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी सागर और मनोरंजन 13 दिसंबर को सुबह-सुबह संसद की दर्शक दीर्घा में आगे की पंक्ति में बैठने के लिए आए थे।

अधिकारियों को अब भी संदेह है कि आरोपी कुछ अन्य व्यक्तियों या संचालकों के नियंत्रण में थे जिन्होंने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के कृत्य को अंजाम देने के लिए क्रांतिकारी नेता शहीद भगत सिंह के नाम पर उनकी विचारधारा को प्रभावित किया था।

भाषा सुरभि प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)