नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) फेसबुक पर नफरती भाषण के मुद्दे को देख रही संसदीय समिति के कुछ सदस्यों ने सोमवार को विचार व्यक्त किया कि व्हिसल-ब्लोअर सोफी झांग और फ्रांसेस हौगेन, जिन्होंने पूर्वाग्रह और सोशल मीडिया मंच पर उचित नियमन की कमी को उजागर किया है, को पहले पेश होने के लिए बुलाया जाए। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
फेसबुक इंडिया के जन नीति निदेशक शिवनाथ ठुकराल सहित शीर्ष अधिकारी सोमवार को ‘‘नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और महिला सुरक्षा पर विशेष जोर देने सहित सामाजिक / ऑनलाइन समाचार मीडिया मंचों के दुरुपयोग की रोकथाम’’ विषय पर समिति के सामने पेश हुए।
सू्त्रों ने बताया कि बैठक में, सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के कुछ सदस्यों ने झांग द्वारा समिति के साथ साझा किए गए ‘डोजियर’ के संदर्भ में नफरती भाषण के बारे में सवाल पूछा। उन्होंने बताया कि सांसदों को सोशल मीडिया कंपनी के अधिकारियों से ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि सदस्यों ने अपने विभिन्न मंचों से नफरती भाषण से संबंधित सामग्री को पहचानने और हटाने के लिए कंपनी के तंत्र और प्रणाली के बारे में विशिष्ट प्रश्न पूछे। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान, कई सदस्यों ने विचार व्यक्त किया कि ‘व्हिसलब्लोवर’ को उनके निष्कर्षों के बारे में जानकारी देने के लिए समिति के सामने बुलाया जाए।
उन्होंने कहा कि समिति व्हिसलब्लोअर को बुलाने की संभावना तलाश रही है और लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति लेने की संभावना है।
फेसबुक के पूर्व डेटा वैज्ञानिक से व्हिसलब्लोअर बने हौगेन ने आरोप लगाया है कि सोशल नेटवर्क की दिग्गज कंपनी के उत्पाद बच्चों को नुकसान पहुंचाते हैं और अमेरिका में ध्रुवीकरण को बढ़ावा देते हैं।
झांग, जो एक पूर्व फेसबुक डेटा वैज्ञानिक भी हैं, ने कथित तौर पर कंपनी के कथित अनैतिक कामकाज के बारे में समिति के साथ एक ‘डोजियर’ साझा किया है।
भाषा देवेंद्र दिलीप
दिलीप
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आपका वोट आपकी आवाज है: प्रधानमंत्री मोदी
45 mins agoलोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्य की 88…
54 mins ago