चीन की आक्रामकता पर प्रधानमंत्री को चुप्पी तोड़नी चाहिए: कांग्रेस |

चीन की आक्रामकता पर प्रधानमंत्री को चुप्पी तोड़नी चाहिए: कांग्रेस

चीन की आक्रामकता पर प्रधानमंत्री को चुप्पी तोड़नी चाहिए: कांग्रेस

:   Modified Date:  April 12, 2023 / 05:39 PM IST, Published Date : April 12, 2023/5:39 pm IST

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने डोकलाम के निकट चीन द्वारा सैन्य निर्माण किए जाने के दावे वाली एक खबर का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चीन की आक्रामकता पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘ हाल ही में प्रकाशित एक खबर के अनुसार भारतीय सशस्त्र बलों ने डोकलाम पठार के करीब भूटान के अमु चू में बड़े पैमाने पर चीनी सैन्य निर्माण को लेकर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने बड़ी संख्या में सैनिकों के रहने के लिए 1,000 स्थायी एवं कई अस्थायी शेड्स बनाए हैं।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘भारतीय सेना ने 2017 में डोकलाम में पीएलए को रिज के पास पहुंचने से रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था। लेकिन अब ऐसा लगता है कि इस रिज तक पहुंचने के लिए पीएलए ने भूटान की भूमि का इस्तेमाल करके एक अलग रास्ता अपनाया है। ये घटनाक्रम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक स्पष्ट ख़तरे की ओर इशारा करते हैं।’’

रमेश ने दावा किया, ‘‘मई 2020 के बाद से चीन ने हमारे सैनिकों को 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका। आज भी, चीन के गश्ती दल डेपसांग, डेमचोक, हॉट स्प्रिंग्स (कुंगरंग नाला) और गोगरा पोस्ट में कई पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक हमें नहीं जाने दे रहे हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पहले की स्थिति बहाल करने में मोदी सरकार तीन साल से विफल रही है।

रमेश ने कहा, ‘‘हम गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध करते हैं कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान ‘ना कोई हमारी सीमा में घुसा है, ना ही कोई घुसा हुआ है’ से प्रेरित होकर भ्रामक बयानबाज़ी करने के बजाय भारत चीन सीमा पर पहले की स्थिति बहाल करें।’’

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को भी इस मामले पर चुप्पी तोड़नी चाहिए।

उनका यह भी कहना है, ‘‘हम इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने में भारतीय सशस्त्र बल सक्षम हैं। ठीक उसी तरह जैसे उन्होंने 9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में उन्हें जवाब दिया था।’’

भाषा हक हक नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)