फांसी से बचने के लिए विकल्प मिलने संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करें: अदालत ने केरल की महिला से कहा |

फांसी से बचने के लिए विकल्प मिलने संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करें: अदालत ने केरल की महिला से कहा

फांसी से बचने के लिए विकल्प मिलने संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करें: अदालत ने केरल की महिला से कहा

:   Modified Date:  December 11, 2023 / 09:41 PM IST, Published Date : December 11, 2023/9:41 pm IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने यमन के एक नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रही केरल निवासी महिला की मां को सोमवार को कुछ जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा।

अदालत ने ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा, जो यह प्रदर्शित करते हों कि यमन की अदालत ने मृतक के परिवार से समझौते और फांसी की सजा से अपनी बेटी को बचाने के लिए ‘ब्लड मनी (मारे गए किसी व्यक्ति के परिवार को मुआवजे के रूप में दिया जाने वाला धन)’ देने का कानूनी विकल्प दिया था।

उच्च न्यायालय निमिशा प्रिया की मां की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने अपनी और तीन अन्य की यमन यात्रा की अनुमति देने का अनुरोध किया है ताकि वे एक समझौते तक पहुंचने के लिए मृतक के परिवार से बाचतीत कर सकें।

प्रिया की मां प्रेमा कुमारी के वकील ने न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद को बताया कि यमन के उच्चतम न्यायालय ने उसे मृतक के परिवार को मुआवजे की राशि देकर उनसे क्षमादान प्राप्त कर फांसी की सजा से बचने का अंतिम विकल्प दिया था।

यमन की अदालत ने 13 नवंबर को निमिशा की अपील खारिज कर दी थी और फांसी की सजा को बरकरार रखा था।

न्यायमूर्ति प्रसाद ने मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा, ‘‘उस अंश को एक हलफनामे के साथ दाखिल करें, जिसमें यमन की अदालत ने मौत की सजा सुनाते हुए ‘ब्लड मनी’ देने का कानूनी विकल्प दिया था।’’

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता सुभाष चंद्रन के.आर. ने कहा कि ‘ब्लड मनी’ यमन में विधिक प्रणाली का हिस्सा है, क्योंकि वे शरिया कानून का पालन करते हैं और यही कारण है कि वहां की अदालत ने यह विकल्प दिया है।

यमन के उच्चतम न्यायालय ने 13 नवंबर को प्रिया की अपील खारिज कर दी थी, जो पश्चिम एशियाई देश में नर्स के तौर पर काम करती थी।

प्रिया को तलाल अब्दो माहदी की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया था। प्रिया ने माहदी के कब्जे से अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए उसे नशीली दवा वाला इंजेक्शन दिया था, जिससे जुलाई 2017 में उसकी मौत हो गई थी।

याचिका में, अदालत से याचिकाकर्ता, प्रिया की 10 वर्षीय बेटी और परिवार के दो अन्य वयस्क सदस्यों को यमन जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है ताकि वे मृतक के परिवार के साथ समझौता कर उसे (प्रिया को) बचा सकें।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप

 

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