मंत्री फौजा सिंह सरारी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर पंजाब विस में फिर से हंगामा |

मंत्री फौजा सिंह सरारी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर पंजाब विस में फिर से हंगामा

मंत्री फौजा सिंह सरारी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर पंजाब विस में फिर से हंगामा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : September 30, 2022/7:53 pm IST

चंडीगढ़, 30 सितंबर (भाषा) ठेकेदारों से ‘जबरन वसूली’ से संबंधित विवादित ऑडियो क्लिप को लेकर पंजाब के कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की कांग्रेस सदस्यों की मांग को लेकर विधानसभा में लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ।

सरारी इस ऑडियो में ठेकेदारों से ‘जबरन वसूली’ के लिए कथित तौर पर कुछ लोगों को फंसाने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।

कांग्रेस सदस्यों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी जवाब मांगा और आप सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गये। अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने इसे लेकर सदस्यों की जमकर आलोचना की।

हंगामे के बीच तीन विधेयक- पंजाब राज्य सतर्कता आयोग (निरसन) विधेयक, 2022; पंजाब विलेज कॉमन लैंड्स (विनियम) संशोधन विधेयक, 2022; और पंजाब माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2022 – सदन में पारित किए गए।

सत्र के तीसरे दिन जैसे ही मुख्यमंत्री सदन में पहुंचे, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्य अपनी सीट से उठ गये और कथित क्लिप पर मान से बयान की मांग करने लगे।

प्रदर्शन कर रहे सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, साथ ही सरारी को बर्खास्त करने एवं गिरफ्तारी की मांग की।

पंजाब विधानसभा में बृहस्पतिवार को भी सरारी मुद्दे पर बवाल हुआ था।

इस महीने की शुरुआत में, सरारी और उनके एक पूर्व करीबी सहयोगी के बीच कथित बातचीत का एक ऑडियो क्लिप सामने आया था, जिसमें कथित तौर पर कुछ खाद्यान्न परिवहन ठेकेदारों को अधिकारियों के माध्यम से ‘पैसे वसूलने’ के लिए ‘फँसाने’ के तरीकों पर चर्चा की गई थी।

अध्यक्ष संधवान ने विरोध कर रहे कांग्रेस सदस्यों को अपनी सीट पर वापस जाने और विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेने के लिए कहा, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।

मुख्यमंत्री मान ने कार्यवाही बाधित करके सदन का समय बर्बाद करने के लिए उनकी आलोचना की।

मान ने अध्यक्ष को ‘नकली’ (फर्जी) बताने के लिए कांग्रेस सदस्यों की आलोचना करते हुए कहा कि इन विधायकों ने ‘नकली’ मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ काम किया था। मान ने कहा कि ये सदस्य ‘‘भाजपा के आदमी हैं।’’

मान ने भाजपा पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेताओं से विधानसभा के बाहर समानांतर सत्र आयोजित करने के लिए भगवा पार्टी में शामिल होने की सलाह दी।

आप विधायक भी अपनी सीट से उठ खड़े हुए और अध्यक्ष से कांग्रेस सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। मंत्री अमन अरोड़ा और कुलदीप धालीवाल ने सदन की कार्यवाही ठप करने के लिए विधायकों की कड़ी निंदा की।

पंजाब जीएसटी (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश करने वाले वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कर राजस्व बढ़ाने के लिए ‘कोई प्रयास नहीं किये जाने के लिए’ पिछली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि आप सरकार राजस्व संग्रह बढ़ाने और लीकेज रोकने के प्रयास कर रही है।

इससे पहले शून्यकाल के दौरान, कांग्रेस के सदस्य सुखपाल सिंह खैरा ने उन्हें बोलने की अनुमति न देने का आरोप लगाया, जिससे उनके और अध्यक्ष के बीच बहस छिड़ गयी। खैरा अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गये, क्योंकि स्पीकर ने उनसे कहा था कि कोई भी अध्यक्ष को निर्देशित नहीं कर सकता।

आप सदस्य कुलवंत सिंह पंडोरी ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए जल्द चुनाव कराने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित करने की मांग की, जबकि कांग्रेस के सदस्य संदीप जाखड़ ने सरकार से 2020 की बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए फाजिल्का जिले को 32 करोड़ रुपये ‘अभी तक जारी नहीं’ करने पर सवाल उठाया।

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वेतन न मिलने का मुद्दा उठाया।

हंगामे के बीच, पंजाब के राजस्व मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा ने सदन को बताया कि हाल ही में हुई बारिश के कारण फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए 28 सितंबर को एक विशेष ‘गिरदावरी’ का आदेश दिया गया था।

वह कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा, राजकुमार चब्बेवाल और विक्रमजीत सिंह चौधरी द्वारा बारिश से क्षतिग्रस्त हुई फसलों के मुआवजे की किसानों की मांग की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए एक ध्यानाकर्षण नोटिस का जवाब दे रहे थे।

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप

 

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