आज देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्मदिन है। देश के राष्ट्रपति के तौर पर कोविंद अपना पहला जन्मदिन मना रहे है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हे जन्मदिन की बधाई दी है। कानपुर देहात के एक किसान परिवार में पैदा हुए कोविंद का जीवन संघर्ष से भरा रहा। अपने जन्मदिन पर कोविंद आज शिरडी जा कर सांई बाबा के दर्शन करने वाले है। उनका संघर्ष भरा जीवन हमें अपने लक्ष्यों को पाने के लिए प्रेरित करने का काम करता है। पढ़ें उनके संघर्ष की पूरी कहानी
रामनाथ ने 1990 में बीजेपी में शामिल होकर लोकसभा चुनाव लड़ा चुनाव तो हार गए लेकिन 1993 और 1999 में पार्टी ने इन्हें राज्यसभा भेज दिया इस दौरान रामनाथ बीजेपी अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने साल 2007 में रामनाथ बोगनीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन फिर जीत नहीं सके इसके बाद उन्हें यूपी बीजेपी संगठन में सक्रिय करके प्रदेश का महामंत्री बनाया गया और अगस्त 2015 में बिहार का राज्यपाल बनाया गया।
1 अक्टूबर को कानपुर शहर से 80 किलोमीटर दूर परौख में जन्मे रामनाथ रामभक्त होने के नाते संघ के बड़े नेताओं के दिल के हमेशा करीब रहे हैं, जिसका उन्हें इनाम भी उन्हें मिलता रहा
कोविंद ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा भी पास की थी लेकिन आईएएस कैडर न मिलने की वजह से उन्होंने वकालत करने का फैसला किया रामनाथ कोविंद ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत की 1977 से 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे 1980 से 1993 तक सुप्रीम कोर्ट में वकालत की एक वकील के रूप में कोविंद ने हमेशा गरीबों और कमजोरों की मदद की।
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