नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) लेखक और टिप्पणीकार गुरुचरण दास ने कहा है कि 1991 में कांग्रेस पार्टी नहीं, बल्कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह आर्थिक सुधार लाए थे।
उन्होंने बुधवार को अपनी पुस्तक ‘‘द डिलेमा ऑफ एन इंडियन लिबरल’’ के विमोचन के मौके पर यह भी कहा कि भारत ने 1991 में जो गलती की थी और जो वह लगातार कर रहा है, वह यह है कि उसके सुधारक ‘चुपके-चुपके’ सुधार कर रहे हैं तथा इसे जनता तक नहीं पहुंचा रहे हैं।
दास का कहना था, ‘‘हम चुपके-चुपके सुधार कर रहे थे। इसका कारण यह था कि (नरसिम्हा) राव, (मनमोहन) सिंह और उनके आसपास के लोगों ने अपनी पार्टी (कांग्रेस) तक को आश्वस्त नहीं किया था। इसलिए यह कांग्रेस पार्टी नहीं थी जिसने सुधार किए…वास्तव में पार्टी राव से इतनी परेशान हो गई कि उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।’’
उनके मुताबिक, 1991 के ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों ने भारत की स्थिति को एक बंद और नियंत्रित अर्थव्यवस्था से एक खुली और उदारीकृत अर्थव्यवस्था में बदल दिया।
भाषा हक हक पवनेश
पवनेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)