जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करें : एनपीपी |

जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करें : एनपीपी

जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करें : एनपीपी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : October 23, 2021/9:14 pm IST

जम्मू, 23 अक्टूबर (भाषा) नेशनल पैंथर्स पार्टी (एनपीपी) के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा तथा लोकतंत्र बहाल करने की अपनी मांगों के समर्थन में शनिवार को यहां प्रदर्शन किया।

पार्टी के इस प्रदर्शन का नेतृत्व एनपीपी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हर्ष देव सिंह ने किया । एनपीपी ने यह प्रदर्शन ऐसे समय में किया है, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर आए हैं।

सिंह ने संवाददाताओं से कहा,‘‘हम जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा और लोकतंत्र की बहाली की अपनी मांग को दोहराने के लिए यहां एकत्र हुए हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना कर यहां के लोगों दिल और दिमाग में ‘‘सबसे बड़ी कड़वाहट’’पैदा की थी।

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में सत्तारूढ़ सरकार की ‘‘जम्मू विरोधी और जन विरोधी’’नीतियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध हुए हैं।

एनपीपी नेता ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था सबसे बुरी तरह प्रभावित हुई और विकास ठप हो गया। अहंकारी और सत्ता के नशे में चूर भाजपा ने उन सभी लोगों को चुप कराने के लिए राज्य के दमनकारी तंत्र का इस्तेमाल किया, जिन्होंने न्याय के लिए आवाज उठाने की हिम्मत की और चुनाव के दौरान पार्टी द्वारा किये गए वादों को पूरा करने की मांग की ।’’

सिंह ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल से केंद्र शासित प्रदेश में केंद्र का शासन रहने के बावजूद, जम्मू-कश्मीर में चुनाव में देरी करना और इससे इनकार करना पूरी तरह से अनुचित और असंवैधानिक होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक ​​कि उच्चतम न्यायालय भी फैसला दे चुका है कि जिन राज्यों में विधानसभाएं समय से पहले भंग हो जाती हैं, वहां विधानसभाओं के चुनाव छह महीने की अवधि के भीतर कराए जाने चाहिए।’’

केंद्र में भाजपा नीत राजग सरकार और मौजूदा जम्मू-कश्मीर प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुये सिंह ने आरोप लगाया कि लोगों को जानबूझकर अपने प्रतिनिधि चुनने और निर्वाचित सरकार बनाने के अधिकार से वंचित किया गया है ।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘अगर जम्मू-कश्मीर में नगरपालिका, पंचायत और संसदीय चुनाव हो सकते हैं, तो निर्वाचन आयोग के लिए विधानसभा चुनाव कराने में क्या अड़चन है।’’

भाषा रंजन रंजन दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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