नयी दिल्ली ,11 फरवरी (भाषा) आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने शुक्रवार को कहा कि उनके मंत्रालय ने अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए ‘परिणाम केंद्रित’ कार्रवाई योजना तैयार की है।
मुंडा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 36,428 आदिवासी बहुल गांवों को आदर्श गांवों में बदलने के लिए उनका मंत्रालय अन्य मंत्रालयों और राज्यों के साथ समन्वय में एक कार्यक्रम शुरू करेगा। इस वर्ष 7,500 ऐसे गांवों से शुरुआत की जाएगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनुसूचित जनजाति के और जनजाति बहुल क्षेत्रों के विकास और कल्याण के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।’’
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने 2022-23 के केंद्रीय बजट में उनके मंत्रालय के लिए 8451.92 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 12.32 प्रतिशत की वृद्धि है। वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए 7524.87 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
मुंडा ने कहा,‘‘गांवों के विकास के लिए अन्य मंत्रालयों के साथ समन्वय में काम करते हुए, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सहित अनुसूचित जनजाति के लोगों को आदिवासी मामलों के मंत्रालय की योजनाओं समेत सभी योजनाओं का लाभ मिल सके।’’
भाषा शोभना प्रशांत
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