आरआईएनएल संयंत्र, टाउशिप से मिली यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने की प्रेरणा: लक्ष्मी सौजन्या |

आरआईएनएल संयंत्र, टाउशिप से मिली यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने की प्रेरणा: लक्ष्मी सौजन्या

आरआईएनएल संयंत्र, टाउशिप से मिली यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने की प्रेरणा: लक्ष्मी सौजन्या

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : September 27, 2021/2:32 pm IST

नयी दिल्ली/विशाखापत्तनम, 27 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) हम सभी के लिए इस्पात का उत्पादन करने वाली केवल एक कंपनी है, लेकिन 2020 सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों में शामिल लक्ष्मी सौजन्या का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम की टाउनशिप उनके लिए ‘‘सहयोग का स्तम्भ’’ रही है और उन्हें चौबीसों घंटे चलने वाले संयंत्र से बहुत प्रेरणा मिली।

विशाखापत्तनम में इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस) 1 में वरिष्ठ प्रबंधक के तौर पर कार्यरत एम वेंकट राव की बेटी सौजन्या ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 127वां स्थान हासिल किया है।

सौजन्या ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि संयंत्र ने उन्हें देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ मेहनत करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संयंत्र चौबीसों घंटे काम करता है। मैं जानती थी कि मुझे परीक्षा की तैयारी इसी तरह करनी होगी।’’

32 वर्षीय सौजन्या ने आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुपति से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि वह अब उस टाउनशिप के लिए कुछ करना चाहती हैं, जहां वह पली-बढ़ी हैं।

सौजन्या ने कहा, ‘‘आरआईएनएल मेरे लिए हमेशा सहयोग के एक स्तंभ की तरह रहा है। यूपीएससी की परीक्षा पहले उत्तीर्ण कर चुके कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर मैं टाउनशिप में इस परीक्षा की तैयारी के लिए केंद्र स्थापित करना चाहता हूं।’’

उन्होंने बताया कि केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी परीक्षा पास करने पर उन्हें बधाई दी।

यह पूछे जाने पर कि इंजीनियरिंग स्नातक सौजन्या ने परीक्षा देने के लिए अपना मन कैसे बनाया, उन्होंने कहा, ‘‘मैं बेंगलुरु में एक कंपनी में काम करती थी। मैं छुट्टियों में विशाखापत्तनम आई थी, तभी मेरे एक रिश्तेदार ने मुझे यूपीएससी के लिए प्रयास करने के लिए कहा। मैंने इसे गंभीरता से लिया और नौकरी छोड़ दी। मैंने 2016 तक वहां काम किया।’’

भाषा

सिम्मी शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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