‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान से संबंधित विज्ञापनों पर 10.46 करोड़ रुपये खर्च हुए |

‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान से संबंधित विज्ञापनों पर 10.46 करोड़ रुपये खर्च हुए

‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान से संबंधित विज्ञापनों पर 10.46 करोड़ रुपये खर्च हुए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : January 27, 2022/4:26 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) दिल्ली सरकार ने पिछले दो वर्ष में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान से संबंधित विज्ञापनों पर 10.46 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। एक आरटीआई से यह जानकारी मिली।

दिल्ली सरकार द्वारा 16 अक्टूबर 2020 को शुरू किए गए अभियान के तहत, चालकों को लाल बत्ती पर अपने वाहनों को बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

सामाजिक कार्यकर्ता अमित गुप्ता द्वारा दायर सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के तहत प्राप्त जवाब के अनुसार, दिल्ली सरकार ने वर्ष 2020-21 में अभियान से जुड़े विज्ञापनों पर 10.46 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

शहर सरकार की विज्ञापन एजेंसी ‘शब्दार्थ’ के अनुसार, उनसे वर्ष 2021-22 में अभियान से संबंधित विज्ञापनों पर हुए खर्च के संबंध में कोई जानकारी नहीं मांगी गई।

उसने बताया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक ‘‘प्रदूषण संबंधी विज्ञापनों’’ पर 13.06 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान के हिस्से के रूप में, पर्यावरण विभाग शहर के प्रमुख ट्रैफिक चौराहों पर नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात करता है, जो सुनिश्चित करते हैं कि यात्री ट्रैफिक सिग्नल पर रुकते समय इंजन को बंद कर दें। वे उन्हें वाहनों से होने वाले प्रदूषण के बारे में जानकारी देने वाले पर्चे भी बांटते हैं।

अधिकारियों के अनुसार, विभाग ने पिछले साल 18 अक्टूबर से 18 दिसंबर तक अभियान के नवीनतम चरण में 100 ट्रैफिक जंक्शन पर सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे और दोपहर दो बजे से रात आठ बजे की दो पालियों में लगभग 2,500 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात किया था। सरकार प्रत्येक स्वयंसेवक को प्रतिदिन 700 रुपये का भुगतान करती है।

भाषा निहारिका नीरज

नीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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