नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके मंत्रालय ने 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत के साथ एक हजार से अधिक पुराने ‘डंप साइट’ (कूड़ा-कचरा फेंकने की जगह) में सुधार करने की योजना को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि 12.8 करोड़ मीट्रिक टन कचरे की क्षमता वाले इन कूड़ा स्थलों में सुधार किया जायेगा और इनमें से कुछ दिल्ली में स्थित हैं।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री ने कहा कि सभी पुराने कूड़ा स्थलों को, जिनमें 16 करोड़ मीट्रिक टन कचरा है और यह लगभग 15,000 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है, ‘स्वच्छ भारत मिशन’ (एसबीएम) के दूसरे चरण में ‘लक्ष्य जीरो डंपसाइट चैलेंज’ के तहत ठीक किया जायेगा।
मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि पुरी ‘स्वच्छ शहर संवाद और तकनीकी प्रदर्शनी’ के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
बयान के अनुसार इस कार्यक्रम में पुरी ने कहा कि देश में शहरी स्थानीय निकायों की अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता 2014 में मात्र 18 प्रतिशत थी जो बढ़कर वर्तमान में 73 प्रतिशत हो गई है।
पुरी के हवाले से बयान में कहा गया है, ‘‘ उनके मंत्रालय ने 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत के साथ 1,000 से अधिक पुराने कूड़ा स्थलों में सुधार करने की योजना को मंजूरी दी है। इन आठ हजार करोड़ रुपये की राशि में से लगभग तीन हजार करोड़ रुपये का योगदान केंद्र दे रहा है।’’
उन्होंने कहा कि एसबीएम के प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत में सभी 4,372 शहरी स्थानीय निकायों को अब खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने न केवल 73.45 लाख से अधिक व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया, बल्कि हमने दिव्यांग जन सहित लाखों शहरी गरीबों की गरिमा और स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा।’’
पुरी ने कहा, ‘‘हम अब एक ओडीएफ भारत से ‘कचरा मुक्त भारत’ में जाने का लक्ष्य बना रहे हैं।’’
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा
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