शीर्ष अदालत के वकीलों को उच्च न्यायालयों में नियुक्त नहीं करने पर विचार करने संबंधी याचिका खारिज |

शीर्ष अदालत के वकीलों को उच्च न्यायालयों में नियुक्त नहीं करने पर विचार करने संबंधी याचिका खारिज

शीर्ष अदालत के वकीलों को उच्च न्यायालयों में नियुक्त नहीं करने पर विचार करने संबंधी याचिका खारिज

:   Modified Date:  January 4, 2023 / 07:36 PM IST, Published Date : January 4, 2023/7:36 pm IST

नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शीर्ष अदालत के वकीलों को उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए विचार न करने का एक निर्देश जारी करने संबंधी याचिका को 50,000 रुपये के जुर्माना लगाते हुए खारिज कर दिया।

न्यायालय ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है और यह न्यायिक समय की पूरी तरह से बर्बादी है।

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ ने कहा कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो शीर्ष अदालत में वकालत कर रहे वकीलों को उच्च न्यायालयों में बतौर न्यायाधीश नियुक्त किये जाने से निषिद्ध करता हो।

याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अशोक पांडे ने पीठ से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 217 की उनकी व्याख्या के अनुसार, संबंधित राज्य बार काउंसिल से पंजीकृत व्यक्ति यदि बाद में शीर्ष अदालत में वकालत करने लगता है तो वह संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किये जाने का पात्र नहीं है।

अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति एवं शर्तों से जुड़ा हुआ है।

पीठ ने दो जनवरी के अपने आदेश में इस बात का जिक्र किया कि याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा जारी कुछ पत्रों का हवाला देते हुए यह दलील दी है।

पीठ ने कहा कि इस याचिका में कोई दम नहीं है और यह न्यायिक समय की बर्बादी है।

शीर्ष न्यायालय ने कहा, ‘‘संविधान में ऐसा कुछ नहीं है, जो उच्चतम न्यायालय में वकालत कर रहे वकीलों को उच्च न्यायालय में नियुक्त किये जाने से निषिद्ध करता हो। असल में, प्रत्येक वकील एक राज्य की बार काउंसिल से जुड़ा हुआ है।’’

पीठ ने ‘उच्चतम न्यायालय मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति’ में चार हफ्तों के अंदर 50,000 रुपये जमा करने का निर्देश देते हुए याचिका खारिज कर दी।

भाषा सुभाष सुरेश

सुरेश

 

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