नई दिल्ली। 36 लड़ाकू विमान राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है और पांच राज्यों में चुनाव से पहले इस मामले ने काफी तूल पकड़ा हुआ है। इन सबके बीच कल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 29 अक्टूबर तक बंद लिफाफे में डील की डिटेल देने को कहा है। इस संबंध में एक जनहित याचिकाएं दायर की गई है। जिस पर अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।
पढ़ें- ‘तितली’ ने बढ़ाई दहशत, सौ किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बह रही हवाएं, कई जिलों में अलर्ट जारी
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि वे सैन्य बल के लिए राफेल विमानों की उपयुक्तता पर कोई राय नहीं देना चाह रहे। बेंच ने ये भी कहा कि हम सरकार को कोई नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, हम केवल फैसला लेने की प्रक्रिया की वैधता से संतुष्ट होना चाहते हैं। अदालत को विमान की कीमत और सौदे के तकनीकी विवरणों से जुड़ी सूचनाएं नहीं चाहिए।
पढ़ें- मुश्किल में मोदी सरकार, विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोप
राफेल सौदे पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को घेर रही है। कांग्रेस का कहना है कि यह डील महंगी है और इसमें घोटाला हुआ है। इन सबके बीच आज रक्षामंत्री निर्मला फ्रांस में उनकी मुलाकात वहां के रक्षा मंत्री से होगी और कल राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट भी जाएंगी। संभावना है कि फ्रांस के राष्ट्रपति से भी रक्षा मंत्री की मुलाकात हो।
वेब डेस्क, IBC24