SC Verdict on EWS : जारी रहेगा EWS कोटा, कार्यकाल के आखिरी दिन चीफ जस्टिस ने लगा दी केंद्र के संशोधन पर मुहर, जानिए क्या थी 5 जजों की राय

SC Verdict on EWS : जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS कोटा के खिलाफ अपनी राय रखी। बाकी चार जजों ने संविधान के 103वें संशोधन को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह संशोधन संविधान के मूल भावना के खिलाफ नहीं है।

SC Verdict on EWS : जारी रहेगा EWS कोटा, कार्यकाल के आखिरी दिन चीफ जस्टिस ने लगा दी केंद्र के संशोधन पर मुहर, जानिए क्या थी 5 जजों की राय

Court Sentenced Former Deputy Collector After His Death

Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: November 7, 2022 11:14 am IST

SC Verdict on EWS :सुप्रीम कोर्ट सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को दिए गए आरक्षण पर कोई खतरा नहीं है, इस पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग गई है। चीफ जस्टिस यूयू ललित की 5 सदस्यीय बेंच में से तीन जजों ने 4-1 से आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया। जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS कोटा के खिलाफ अपनी राय रखी। बाकी चार जजों ने संविधान के 103वें संशोधन को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह संशोधन संविधान के मूल भावना के खिलाफ नहीं है।

read more: Bhopal Crime News : महिला का पति पर गंभीर आरोप। मुंबई ले जाकर हत्या कर सकता है पति: महिला

SC Verdict on EWS : गौरतलब है EWS कोटे में सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आर्थिक आधार पर मिला हुआ है आरक्षण। इस फैसले को चुनौती दी गयी थी। शीर्ष अदालत ने आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार किया था । बता दें कि चीफ जस्टिस का आज आखिरी वर्किंग डे भी है।

 ⁠

read more: जानें क्यों कहा जाता है कमल हासन को यूनिवर्सल हीरो, इनकी फिल्मों के सामने सब टेक देते है घुटने…

SC Verdict on EWS: बता दें कि जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS कोटे पर अलग राय दी। जस्टिस भट्ट ने कहा कि संविधान सामाजिक न्याय के साथ छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देता है। EWS कोटा संविधान के आधारभूत ढांचा के तहत ठीक नहीं है। जस्टिस भट्ट ने कहा ये आरक्षण का लिमिट पार करना बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ है।

वहीं जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि EWS कोटा सही है। इसके साथ ही EWS कोटा को सुप्रीम कोर्ट की लगी मुहर। मैं जस्टिस माहेश्वरी और जस्टिस त्रिवेदी के फैसले के साथ हूं। मैं EWS संशोधन को सही ठहराता हूं। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि हालांकि EWS कोटा को अनिश्चितकाल के लिए नहीं बढ़ाना चाहिए।

read more: 7 की बड़ी बात | सुबह 7 बजे की खबरें | CG Latest News Today | MP Latest News Today | 07 November 2022

जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS कोटे पर दी अलग राय

बता दें कि जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS कोटे पर अलग राय दी। जस्टिस भट्ट ने कहा कि संविधान सामाजिक न्याय के साथ छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देता है। EWS कोटा संविधान के आधारभूत ढांचा के तहत ठीक नहीं है। जस्टिस भट्ट ने कहा ये आरक्षण का लिमिट पार करना बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ है।

वहीं जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि EWS कोटा सही है। इसके साथ ही EWS कोटा को सुप्रीम कोर्ट की लगी मुहर। मैं जस्टिस माहेश्वरी और जस्टिस त्रिवेदी के फैसले के साथ हूं। मैं EWS संशोधन को सही ठहराता हूं। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि हालांकि EWS कोटा को अनिश्चितकाल के लिए नहीं बढ़ाना चाहिए।

वहीं जस्टिस बेला त्रिवेदी ने अपने फैसले में कहा कि संविधान का 103वां संशोधन सही है। एससी, एसटी और ओबीसी को तो पहले से ही आरक्षण मिला हुआ है। इसलिए EWS आरक्षण को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता है। इसलिए सरकार ने 10 फीसदी अलग से आरक्षण दिया। EWS कोटा के खिलाफ जो याचिकाएं थी, वो विफल रहीं।

जस्टिस माहेश्वरी की फैसला- हमने समानता का ख्याल रखा है। क्या आर्थिक कोटा आर्थिक आरक्षण देने का का एकमात्र आधार हो सकता है। आर्थिक आधार पर कोटा संविधान की मूल भावना के खिलाफ नहीं है।

5 जजों ने सुनाया फैसला

चीफ जस्टिस ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस रवींद्र भट्ट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने यह फैसला सुनाया। चार जजों ने अलग-अलग फैसला पढ़ा। चीफ जस्टिस ललित ने कहा कि चार फैसले पढ़ने जा रहे हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com