मोदी, शाह को सत्ता से ‘बेदखल’ करने के लिए कुछ लोग ‘फैला रहे अराजकता’ : रामदेव |

मोदी, शाह को सत्ता से ‘बेदखल’ करने के लिए कुछ लोग ‘फैला रहे अराजकता’ : रामदेव

मोदी, शाह को सत्ता से ‘बेदखल’ करने के लिए कुछ लोग ‘फैला रहे अराजकता’ : रामदेव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : June 22, 2022/7:34 pm IST

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) योगगुरु स्वामी रामदेव ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शनों को ‘अर्थहीन राजनीति’ करार देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को सत्ता से ‘बेदखल’ करने के लिए देश में ‘अराजकता फैला रहे हैं’।

दिल्ली विश्वविद्यालय में एक योग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामदेव ने कहा कि राजनीति में योग होना चाहिए, लेकिन योग में राजनीति नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर उन्होंने (प्रदर्शनकारियों ने) योग किया होता, तो वे आगजनी का सहारा नहीं लेते। उन्हें भी योग करना चाहिए। यह (अग्निपथ के खिलाफ विरोध) एक अर्थहीन राजनीति है। मूल रूप से, कुछ लोग देश में अराजकता फैलाने का एजेंडा चला रहे हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सत्ता से हटाने के लिए अराजकता फैलाना चाहते हैं।’’

केंद्र द्वारा 14 जून को घोषित की गई अग्निपथ योजना में अल्पावधि अनुबंध के आधार पर सैनिकों को सशस्त्र बलों में भर्ती करने का प्रस्ताव है। इस योजना में 75 प्रतिशत रंगरूटों को चार साल की सेवा के बाद पेंशन और स्वास्थ्य लाभ के बिना सेवानिवृत्त कर देने की परिकल्पना की गई है, लेकिन उन्हें लगभग 11.70 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।

इस घोषणा के बाद, देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) द्वारा आयोजित योग सप्ताह के दूसरे दिन रामदेव मुख्य अतिथि थे। उनके साथ केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीयू के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने की।

रामदेव ने कहा, ‘‘राजनीति में भी योग होना चाहिए, लेकिन योग में राजनीति नहीं होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना और अपने मन, विचारों और भावनाओं को नियंत्रण में रखना ही योग है।

इस अवसर पर मेघवाल ने कहा, ‘‘योग नकारात्मक विचारों को खत्म करता है और उत्कृष्टता लाता है। योग का अर्थ मन, बुद्धि और आत्मा को एकजुट करना है। जब यह जोड़ पूरा हो जाता है, तो भारतीय प्रणाली के अनुसार योग होता है।’’

भाषा

सुरेश उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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