प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने की प्रवेश परीक्षा की मांग, आंदोलन की धमकी |

प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने की प्रवेश परीक्षा की मांग, आंदोलन की धमकी

प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने की प्रवेश परीक्षा की मांग, आंदोलन की धमकी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : May 8, 2022/3:39 pm IST

कोलकाता, आठ मई (भाषा) प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में विभिन्न छात्र संगठनों ने स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कला और विज्ञान दोनों विषयों में संस्थान की अलग-अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की उनकी मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है।

माकपा से संबद्ध स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने एक बयान में कहा कि उसने 26 अप्रैल को विश्वविद्यालय के अधिकारियों को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था। एसएफआई छात्र परिषद का नेतृत्व भी कर रही है।

एसएफआई प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय इकाई के प्रवक्ता देबनील पॉल ने कहा, ”हमने शनिवार को फिर से विश्वविद्यालय के अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। अगर जल्द ही कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो हम तेज आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे।”

विपक्षी छात्र संगठन इंडिपेंडेंट कंसॉलिडेशन (आईसी) ने भी इस संबंध में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। आईसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रवेश परीक्षा को बंद करने से इस प्रमुख संस्थान की अकादमिक उत्कृष्टता के साथ समझौता हो सकता है।

विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा, प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की तत्काल कोई योजना नहीं है और वे इस मामले पर आंदोलन कर रहे छात्रों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं।

‘पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड’ (डब्ल्यूबीजेईई) प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए तथा जादवपुर विश्वविद्यालय में पांच वर्षीय सांध्यकालीन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करता था।

हालांकि, पिछले साल अगस्त में, बोर्ड ने घोषणा की थी कि वह अब अलग-अलग संस्थानों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करेगा, और यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश अब कक्षा 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणामों के आधार पर होगा।

बोर्ड ने कहा, वह सभी छात्रों के लिए केवल सामान्य डब्ल्यूबीजेईई परीक्षा आयोजित करेगा। एसएफआई का आरोप है कि यह कदम संस्थान के शैक्षणिक मामलों में दखल देने जैसा है।

भाषा फाल्गुनी वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)