उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एस. रवींद्र भट्ट सेवानिवृत्त हुए |

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एस. रवींद्र भट्ट सेवानिवृत्त हुए

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एस. रवींद्र भट्ट सेवानिवृत्त हुए

:   Modified Date:  October 20, 2023 / 04:28 PM IST, Published Date : October 20, 2023/4:28 pm IST

नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संजय किशन कौल ने न्यायपालिका में खासा योगदान देने के लिए अपने निवर्तमान सहकर्मी न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट की शुक्रवार को सराहना की।

न्यायमूर्ति भट्ट के अंतिम कार्य दिवस पर उन्हें विदाई देने के लिए परंपरा के तौर पर पीठ की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि उन्होंने (न्यायमूर्ति भट्ट ने) सटीक और सारगर्भित फैसले दिए हैं तथा विशेष रूप से संवैधानिक मुद्दों में काफी योगदान दिया है।

न्यायमूर्ति भट्ट को 23 सितंबर 2019 को शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और वह चार साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हुए।

न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि वह (न्यायमूर्ति भट्ट) ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने इस न्यायालय में और जहां कहीं भी वह नियुक्त रहे, वहां खासा योगदान दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, पारंपरिक रूप से हम सभी यहां एकत्र हुए हैं। हम सभी योगदान देंगे…।’’

उन्होंने न्यायमूर्ति भट्ट के साथ अपने जुड़ाव को भी याद किया, जो 1979 से है।

न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति भट्ट के कार्यकाल ने कई सारे न्यायिक घटनाक्रम देखे और उन्होंने अपने दिलो-दिमाग से न्यायिक कार्य किए।

उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा मौका है जब बार को इस न्यायालय के एक बहुत ही सम्मानित न्यायाधीश को विदाई देनी चाहिए।’’

न्यायमूर्ति भट्ट ने कहा कि अधिवक्ता के रूप में, और बाद में एक न्यायाधीश के तौर पर उनका करियर बहुत ही संतोषप्रद रहा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सहयोग एवं प्रतिदिन के न्यायिक कार्य के लिए अपने सभी सहकर्मियों और बार के सदस्यों का आभार प्रकट करना चाहता हूं, जिन्होंने बहुत ही गर्मजोशी और सद्भावना दिखाई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कामना करता हूं कि प्रत्येक व्यक्ति अनुसंधान, स्वतंत्रता और करूणा के रुख को अपनाए। मुझे लगता है कि यह न सिर्फ एक न्यायाधीश की, बल्कि हर अच्छे व्यक्ति और न्यायिक कार्य से जुड़े व्यक्ति की पहचान है।’’

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी न्यायपालिका में न्यायमूर्ति भट्ट के योगदान को रेखांकित किया और उनके अंतिम कार्यदिवस पर उन्हें शुभकामना दी।

उच्चतम न्यायालय बार एसोएिशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अदिश अग्रवाल ने न्यायमूर्ति भट्ट को निकाय की ओर से विदाई दी।

कई अन्य अधिवक्ताओं ने भी उनके अंतिम कार्य दिवस पर उन्हें शुभकानाएं दीं।

अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान, न्यायमूर्ति भट्ट कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे। वह पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का हिस्सा रहे, जिसने इस सप्ताह की शुरूआत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया।

वह पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए शैक्षणिक संस्थानों एवं सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के प्रावधान को बरकरार रखा, जिसे 2019 में लाया गया था।

मैसुरु में 21 अक्टूबर 1958 को जन्मे न्यायमूर्ति भट्ट ने अपनी एल.एल.बी. की डिग्री कैम्पस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से 1982 में हासिल की थी। उन्होंने 1982 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में अपना पंजीकरण कराया था।

वह 16 जुलाई 2004 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश, और 20 फरवरी 2006 को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किये गए।

वह पदोन्नत होकर उच्चतम न्यायालय आने से पहले पांच मई 2019 को राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किये गए थे।

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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