कांचीपुरम (तमिलनाडु), 26 जुलाई (भाषा) तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सोमवार को, कांची के शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती की भारत और भारतीय संस्कृति के उत्थान की योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आह्वान करते हुए समाज के प्रति उनके योगदान को श्रद्धांजलि दी।
राज्यपाल ने शंकराचार्य को विनम्रता और सरलता की प्रतिमूर्ति करार दिया और कहा कि उनके मौन से लाखों लोग उनके प्रति आकर्षित होते थे। उन्होंने कहा, “बड़े से बड़े विद्वान, नेता और गणमान्य लोग उनके दर्शन और भाषण सुनने के लिए आते थे।”
जयेन्द्र सरस्वती की 87वीं जयंती के अवसर पर यहां ओरिक्कई में पुरोहित ने कहा कि उनकी विद्वता और तेज के आगे उनके विरोधी भी चुप हो जाते थे। इस आयोजन में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
पुरोहित ने कहा, “यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके (सरस्वती) नेत्तृव में (कांची) मठ ने ऊंचाई प्राप्त की।” राज्यपाल ने कहा कि सरस्वती का जीवन मानवता, धर्म और अच्छाई को समर्पित था।
पुरोहित ने जिले में ‘कैथ लैब’ की स्थापना के लिए श्री शंकर कृपा शैक्षणिक एवं चिकित्सा न्यास को राज्यपाल की निधि से एक करोड़ रुपये दान दिए।
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