चेन्नई, 23 अक्टूबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को तमिलनाडु उत्पादन एवं वितरण निगम (टांगेडको) को कोसाथलैयार नदी को मलबे एवं किसी भी अन्य अपशिष्ट से पूरी तरह मुक्त करने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति पी डी ऑडिकेशवालु की प्रथम पीठ ने तब यह निर्देश दिया जब उसके सामने कट्टुपाम के मछुआरे सेल्वराज दुरैस्वामी की जनहित याचिका शुक्रवार को उसके सामने आगे की सुनवाई के लिए आयी। टांगेडको ने अदालत से कहा कि इस बात की यथास्थिति रिपोर्ट पेश की जाएगी कि 80 फीसद रूकावट सामग्री हटा दी गयी है।
पीठ ने कहा कि निगम के लिए इतना भर से काम नहीं चलेगा कि उसने कुछ सामग्री को हटा दिया एवं बाकी जलाशय में छोड़ दिया जिससे वह उसे जाम कर दे या पानी के प्रवाह को रोके।
पीठ ने कहा कि पूरा कबाड़, कंक्रीट और निर्माण सामग्री हटाया जाए और कोई भी हिस्सा जलाशय में नहीं छूटे। उसने कहा कि निगम को इस मामले में देखना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि एक एक फालतू चीजें निकाल दी जाए। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 नवंबर तक तारीख तय की और निगम से तब इस विषय में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
भाषा
राजकुमार नरेश
नरेश
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