तमिलनाडु को आवश्यक वस्तुएं श्रीलंका भेजने की अनुमति दी जाए: मुख्यमंत्री स्टालिन |

तमिलनाडु को आवश्यक वस्तुएं श्रीलंका भेजने की अनुमति दी जाए: मुख्यमंत्री स्टालिन

तमिलनाडु को आवश्यक वस्तुएं श्रीलंका भेजने की अनुमति दी जाए: मुख्यमंत्री स्टालिन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : April 15, 2022/7:31 pm IST

चेन्नई, 15 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्र से अनुरोध किया कि राज्य को तूतुकुडी बंदरगाह से मानवीय सहायता के तौर पर आवश्यक वस्तुएं श्रीलंका के लोगों और खासतौर पर तमिलों के लिए इस द्वीपीय देश को भेजने की अनुमति दी जाए।

मुख्यमंत्री ने इस विषय पर 31 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई चर्चा को याद करते हुए उक्त बंदरगाह से अनाज, सब्जियां और दवाइयां श्रीलंका के उत्तरी एवं पूर्वी हिस्सों और राजधानी कोलंबो में तथा बागान में काम करने वाले तमिलों के लिए भेजने की तमिलनाडु सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

स्टालिन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को संबोधित पत्र में कहा है, ‘‘अब यह जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार खाद्य सामग्री और अन्य जरूरी वस्तुएं श्रीलंका भेज रही है…(इसलिए) मैं अनुरोध करता हूं कि इसे श्रीलंका में बदतर होती स्थिति के मद्देनजर यथाशीघ्र भेजा जा सकता है।’’

उल्लेखनीय है कि स्टालिन ने मार्च में अपनी मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री को श्रलंकाई तमिलों को आवश्यक वस्तुएं और जीवन रक्षक दवाइयां मुहैया करने की तमिलनाडु की इच्छा से अवगत कराया था।

स्टालिन ने पत्र में कहा है, ‘‘सात अप्रैल को टेलीफोन पर हुई हमारी हालिया बातचीत में, मैं आपके संज्ञान में यह भी लाया था कि श्रीलंका में बढ़ते आर्थिक संकट के मानवीय संकट में तब्दील होने को लेकर देश (श्रीलंका) छोड़ने को मजबूर तमिल राज्य में आ रहे हैं। ’’

पत्र की प्रति यहां मीडिया को उपलब्ध कराई गई है।

मुख्यमंत्री ने 23 मार्च को गिरफ्तार कर लिये गये 12 भारतीय मछुआरों की दशा की ओर जयशंकर का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि किल्लीनोछी अदालत ने इस निर्देश के साथ मामले को 12 मई तक स्थगित कर दिया है कि इन मछुआरों में प्रत्येक को दो लाख रुपये (श्रीलंकाई मुद्रा) का निजी मुचलका भरने पर जमानत दी जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि यह बहुत बड़ी रकम है इसलिए मछुआरे यह कभी नहीं अदा कर पाएंगे। वे अभी जाफना जेल में कैद हैं। ’’

उन्होंने जयशंकर से इस विषय में फौरन हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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