हैदराबाद, पांच मई (भाषा) प्रतिष्ठित पद्म श्री से दो साल पहले सम्मानित लोकप्रिय लोक कलाकार दर्शनम मोगुलैया राज्य सरकार से इनाम स्वरूप एक करोड़ रुपये मिलने के बावजूद अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं।
दुर्लभ संगीत वाद्य यंत्र ‘किन्नेरा’ बजाने के लिए मशहूर 73 वर्षीय कलाकार को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था और तत्कालीन भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की सरकार ने उन्हें एक करोड़ रुपये दिए थे जो उन्होंने विभिन्न पारिवारिक जरूरतों पर खर्च कर दिए।
नौ बच्चों के पिता मोगुलैया ने कहा कि उन्होंने सरकार से मिले एक करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर लिया और अपने दो बच्चों की शादी की और एक जमीन खरीदने के बाद तीन मंजिला मकान बनवाया।
उन्होंने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पैसा खत्म होने के बाद मकान का निर्माण कार्य रोकना पड़ा।
उनके नौ बच्चों में से तीन की मौत हो गयी और एक बेटे को बीमारी के कारण इलाज की जरूरत रहती है।
उन्होंने कहा कि उनके बेटे की दवाइयों पर हर महीने करीब 20,000 रुपये खर्च होते हैं और वह खुद भी मधुमेह और बीपी के मरीज हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर महीने 10,000 रुपये की वित्तीय मदद देती है लेकिन यह उनकी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
इस बीच, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. राम राव ने रविवार को मोगुलैया से मुलाकात के दौरान उन्हें वित्तीय मदद दी। राम राव के कार्यालय ने यह जानकारी दी।
राव ने मीडिया में आयी खबरों से लोक कलाकार की माली हालत के बारे में जानने के बाद उनकी मदद करने का वादा किया था। मोगुलैया का यहां एक निर्माण स्थल पर काम करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था।
भाषा गोला रंजन
रंजन
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