भारत के रोग भार में 1990-2019 के दौरान तंत्रिका विकारों की संख्या दुगुनी से अधिक हुयी | The number of nerve disorders in India's disease load more than doubled during 1990-2019

भारत के रोग भार में 1990-2019 के दौरान तंत्रिका विकारों की संख्या दुगुनी से अधिक हुयी

भारत के रोग भार में 1990-2019 के दौरान तंत्रिका विकारों की संख्या दुगुनी से अधिक हुयी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : July 14, 2021/10:26 am IST

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) भारत में 1990 से 2019 तक कुल रोग भार में गैर-संचारी और चोट से संबंधित तंत्रिका विकारों की संख्या दुगुनी से अधिक हो गयी है वहीं संचारी तंत्रिका संबंधी विकारों में तीन-चौथाई की कमी आई है।

यह जानकारी ‘इंडिया स्टेट-लेवल डिजीज बर्डन इनीशिएटिव’ के एक अध्ययन के निष्कर्षों में सामने आयी है। 1990 से भारत के हर राज्य में तंत्रिका संबंधी विकारों और उनकी प्रवत्ति के कारण बीमारी के भार का पहला व्यापक अनुमान बुधवार को ‘द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ’ में प्रकाशित हुआ।

सामने आए तथ्यों के अनुसार भारत में गैर-संचारी तंत्रिका संबंधी विकारों का भार मुख्य रूप से आबादी की उम्र बढ़ने के कारण बढ़ रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों में संचारी रोगों की कुल तंत्रिका संबंधी विकारों के भार में हिस्सेदारी रही वहीं अन्य सभी आयु वर्गों में गैर-संचारी तंत्रिका संबंधी विकारों की सबसे ज्यादा संख्या रही। इसमें कहा गया है कि ‘स्ट्रोक’, सिरदर्द विकार और मिर्गी भारत में तंत्रिका विकारों की कुल भारत में प्रमुख हिससेदारी है। विज्ञप्ति के अनुसार 2019 में, ‘स्ट्रोक’ से 6,99,000 मौतें हुईं जो देश में हुई कुल मौतों का 7.4 प्रतिशत है। तंत्रिका संबंधी कई का भार राज्यों में भिन्न है जिससे इस भार को कम करने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

तंत्रिका संबंधी विकारों के लिए ज्ञात वजहों में उच्च रक्तचाप, वायु प्रदूषण, आहार शैली, जोखिम, प्लाज्मा ग्लूकोज और उच्च ‘बॉडी मास इंडेक्स’ प्रमुख हैं। यह अध्ययन ‘इंडिया स्टेट-लेवल डिजीज बर्डन इनीशिएटिव’ द्वारा किया गया था। यह आईसीएमआर सहित देश के कई अन्य पक्षों का सहयोगी प्रयास है जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वावधान में अकादमिक विशेषज्ञ, विभिन्न सरकारी एजेंसियां ​​​​और अन्य संगठन शामिल हैं।

भाषा अविनाश शाहिद

शाहिद

 

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