ईटानगर, 13 मई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर डॉ बी डी मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने शुक्रवार को अध्यक्षों और उपाध्यक्षों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिन सदनों की वह अध्यक्षता करते हैं, उनमें अधिक से अधिक काम काज हो सके ।
राज्यपाल ने यहां राज्य विधानसभा में 18वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र जोन तीन के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में विधायी प्रक्रिया सुचारू, चर्चा के योग्य और उद्देश्यपूर्ण हो ।
उन्होंने कहा, ‘‘स्पीकर और डिप्टी स्पीकर केंद्रीय स्तंभ हैं, जिन पर लोकतंत्र की इमारत टिकी है और इसलिए उनकी भूमिका न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि श्रमसाध्य भी है ।’’
राज्यपाल ने कहा कि भारत का संविधान अपने आप में एक महाग्रंथ है क्योंकि समय-समय पर जब संविधान में नए अनुच्छेदों को शामिल करने की आवश्यकता महसूस की जाती है तो अत्यंत परिश्रम के साथ इसे शामिल किया जाता है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की लोकतंत्र की परिभाषा के अनुसार स्पीकर और डिप्टी स्पीकर इसका उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित कर रहे हैं । कन ने कहा था कि लोकतंत्र में जनता की, जनता के लिए और जनता द्वारा चुनी सरकार होती है ।
इससे पहले दिन में राज्यपाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से यहां राजभवन में मुलाकात की ।
भाषा रंजन नरेश
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