नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) अफगानिस्तान के तीन छात्रों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अफगानिस्तान में बिगड़े हुए हालात को देखते हुए उन्हें पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रक्रिया में ढील दी जाये। उक्त तीनों छात्रों ने इस साल विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है।
पत्र में कहा गया, “आपके संज्ञान में लाया जाता है कि हम तीन अफगान छात्रों ने 2021 में एमए की पढ़ाई पूरी की है। अफगानिस्तान में हाल में जो स्थिति बनी है उसके कारण हम यहां फंस गए हैं और भारत में अपने प्रवास और अकादमिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। यह ऐसा समय है कि अफगानिस्तान में लौटने पर हमारी जान को खतरा हो सकता है।” छात्रों ने कहा कि उन्होंने आवेदन का ज्यादा शुल्क देकर पीएचडी के लिए जेएनयू प्रवेश परीक्षा का आवेदन किया और परीक्षा दी।
पत्र में कहा गया, “देश में अनिश्चित और खराब स्थिति के चलते और मानवता के आधार पर हम जेएनयू के माननीय कुलपति से अनुरोध करते हैं कि अफगान छात्रों के लिए कोटा, कट-ऑफ या किसी अन्य माध्यम से आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश में ढील दी जाए।”
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा हाल में लिए गए निर्णय के अनुसार, जिन अफगान छात्रों ने स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी कर ली है, अगर वे पीएचडी में प्रवेश सुरक्षित कर लेते हैं तो उन्हें आईसीसीआर की ओर से छात्रवृत्ति दी जाएगी।
उक्त तीन छात्रों ने उन केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों का भी हवाला दिया जिन्होंने अफगान छात्रों को आईसीसीआर के क्षेत्रीय कार्यालयों के समन्वय से मास्टर्स के बाद पीएचडी में दाखिला दिया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भाषा यश नरेश
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