केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की चिंताओं से अवगत कराया गया: रैना |

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की चिंताओं से अवगत कराया गया: रैना

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की चिंताओं से अवगत कराया गया: रैना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : May 14, 2022/9:16 pm IST

जम्मू,14 मई (भाषा) जम्मू कश्मीर के बडगाम में तहसील कार्यालय में एक कश्मीरी पंडित की हाल में हुई हत्या के बाद भारतीय जनता पार्टी को घाटी में काम कर रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने शनिवार को कहा कि उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री को लोगों की ‘‘चिंताओं और समस्याओं’’ से अवगत करा दिया है।

रैना ने कहा कि उन्होंने उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बातचीत की है और रविवार को वह पार्टी के प्रतिनिधि मंडल के साथ उनसे मुलाकात करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह देशभक्तों को,फिर चाहे वे मुसलमान हों, सिख हो या हिंदू हों उन्हें सुरक्षित माहौल मुहैया कराए।’’

भाजपा नेता और उनके सहयोगियों को शुक्रवार को कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट के अंतिम संस्कार के दौरान कश्मीरी प्रवासी पंडित समुदाय के गुस्से का सामना करना पड़ा था।

गौरतलब है कि 2010-11 में जम्मू-कश्मीर में प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत क्लर्क की नौकरी पाने वाले भट्ट को आतंकवादियों ने बृहस्पतिवार को बडगाम जिले के चदूरा कस्बे में गोली मार दी थी।

इस योजना के तहत रोजगार पाने वाले अन्य लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, प्रशासन पर उन्हें सुरक्षा नहीं मुहैया करा पाने का आरोप लगा रहे हैं और उन्हें जम्मू स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की भी धमकी दी है।

रैना ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैंने शुक्रवार को केन्द्रीय गृह मंत्री से बातचीत की थी और उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत घाटी में नौकरी कर रहे कश्मीरी पंडितों की चिंताओं और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी दी है।’’

रैना ने शेखपुरा कैंप से श्रीनगर हवाई अड्डे की ओर कश्मीरी पंडितों के मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाए जाने पर खेद जताया। रैना ने कहा कि उन्होंने नेताओं ,समुदाय के धार्मिक और सामाजिक नेताओं के साथ कई बैठकें कीं और “मेरा मानना है कि उनकी चिंताएं और समस्याएं वाजिब हैं।’’

उन्होंने साथ ही कहा कि कश्मीरी पंडितों से बात किए जाने की नितांत आवश्यकता है और बल का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

भाषा शोभना उमा

उमा

 

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