जिपमेर में ‘हिंदी थोपे जाने’ के विरूद्ध विभिन्न् दलों ने आवाज उठायी |

जिपमेर में ‘हिंदी थोपे जाने’ के विरूद्ध विभिन्न् दलों ने आवाज उठायी

जिपमेर में ‘हिंदी थोपे जाने’ के विरूद्ध विभिन्न् दलों ने आवाज उठायी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : May 11, 2022/11:04 pm IST

पुडुचेरी, 11 मई (भाषा) पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता वी नारायणसामी ने बुधवार को केंद्र की राजग सरकार पर यहां जिपमेर (जवाहर लाल नेहरू स्नातोकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संगठन) में सभी प्रकार के संवाद में हिंदी थोपने का आरोप लगाया।

संस्थान के प्रबंधन की ओर से जारी परिपत्र के माध्यम से ‘हिंदी थोपे जाने’ के विरोध में विपक्षी कांग्रेस द्वारा आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा लेने के बाद नारायणसामी ने कहा कि मुख्यमंत्री एन रंगासामी चुप्पी साधे हुए हैं जबकि इस मुद्दे को लेकर आंदोलन अब तेज हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल टी सौंदर्यराजन, दोनों ही इस अस्पताल पर हिंदी ‘थोपे जाने’ का विरोध नहीं कर रहे हैं और प्रदेश को तबाह कर रहे हैं।’’

नारायणसामी ने संस्थान के आदेश के प्रति दिखाई जिसमें स्पष्ट निर्देश है कि रजिस्टर, कर्मियों की सेवा पुस्तिका, पेंशन बुक हिंदी में होंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस आंदोलन जारी रखने से पीछे नहीं हटेगी और केंद्र को इस परिपत्र को रद्द करना चाहिए एवं सुनिश्चित करना चाहिए कि तमिल ही इस अस्पताल में एकमात्र भाषा हो।

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए क्यांकि उन्होंने यह गलत सूचना दी कि हिंदी थोपने जैसा कुछ नहीं है। नारायणसामी ने कहा कि कई राजनीतिक दलों ने भी पहले ही हिंदी थोपे जाने की निंदा की, इसलिए मुख्यमंत्री को चुप्पी तोड़कर कड़ी आपत्ति व्यक्त करनी चाहिए।

माकपा की पुडुचेरी इकाई के सचिव आर राजंगम ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उपराज्यपाल विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री की भूमिका का हनन कर रही हैं जो लोकतंत्र के सिद्धांतों के विरूद्ध है।

पट्टालि मक्कल काच्चि के कार्यकर्ताओं ने भी इस विषय पर प्रदर्शन किया।

जिपमेर परिसर के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

भाषा राजकुमार माधव

माधव

 

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