नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम और सहकारी समितियों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों से दूरदराज व सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए फायदा होगा और सहकारिता के क्षेत्र में बदलाव आएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4,800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ चालू वित्त वर्ष से 2025-26 तक के लिए केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मंजूरी दे दी। इन क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख शामिल हैं।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम पर मंत्रिमंडल का आज का निर्णय दूरदराज के क्षेत्रों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले कई लोगों के लिए फायदेमंद होगा। पर्यटन, कौशल विकास, उद्यमिता जैसे क्षेत्र कई प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से होंगे।’
एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘सहकारी समितियों पर मंत्रिमंडल के फैसले से इस क्षेत्र में बदलाव आएगा। यह जमीनी स्तर पर सहकारिता को मजबूती प्रदान करने, नई डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के निर्माण को सक्षम करेगा। यह बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए योजनाओं के बीच तालमेल बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और इसे जमीनी स्तर तक पहुंचाने के मकसद से इन निर्णयों को मंजूरी दे दी। इसके तहत लाभ से वंचित पंचायतों में दो लाख बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि साख समितियों, व्यावहारिक डेयरी सहकारी समितियों और मत्स्य सहकारी समितियों का गठन किया जायेगा। तीनों समितियां अगले पांच वर्षों के दौरान स्थापित कर दी जाएंगी।
भाषा ब्रजेन्द्र माधव
माधव
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