मतदाता देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने वाले जनप्रतिनिधि चुनें: मिश्र |

मतदाता देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने वाले जनप्रतिनिधि चुनें: मिश्र

मतदाता देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने वाले जनप्रतिनिधि चुनें: मिश्र

:   Modified Date:  January 25, 2023 / 04:41 PM IST, Published Date : January 25, 2023/4:41 pm IST

जयपुर, 25 जनवरी (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मतदान को महादान बताते हुए मतदाताओं से आह्वान किया कि मताधिकार का उपयोग ऐसे जनप्रतिनिधियों और सरकारों को चुनने के लिए करें, जो देश को विकास और प्रगति के पथ पर आगे ले जा सकें।

राज्यपाल मिश्र बुधवार को हरीश चन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान में 13 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने एक-एक मत के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि एक मत योग्य जन प्रतिनिधि को चुन सकता है, तो वहीं एक मत अयोग्य का भी चयन कर सकता है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग समझदारी और पूर्ण सजगता से बगैर किसी से प्रभावित हुए करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि मतदान करना नागरिक का अधिकार होने के साथ-साथ कर्तव्य भी है, क्योंकि जागरूक मतदाता ही सशक्त, सहभागी और जीवंत लोकतंत्र का निर्माण करते हैं।

उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है, तो इसका आधार भी मतदाता ही हैं। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि हमारा संविधान देश की महान संस्कृति का जीवन दर्शन है।

उन्होंने एक अक्टूबर 2023 तक 18 वर्ष की उम्र पूरी कर रहे सभी युवाओं से मतदाता पंजीकरण करवाने का आह्वान किया।

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि मतदाताओं की लोकतंत्र में अधिकाधिक एवं प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करना जिला निर्वाचन अधिकारियों सहित निर्वाचन कार्य से जुड़े सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की साझा जिम्मेदारी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि इस वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ’मतदान जैसा कुछ नहीं, मतदान जरूर करेंगे हम’ रखी गई है।

राज्यपाल मिश्र ने निर्वाचन संबंधी गतिविधियों में विशेष योगदान देने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी, उपजिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी, पर्यवेक्षक, मतदान केंद्र स्तर के अधिकारी एवं अन्य श्रेणी के 29 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया।

भाषा पृथ्वी कुंज

संतोष

संतोष

 

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