नई दिल्लीः Who can contest Vice Presidential election हमारे भारत को आज एक नया उप राष्ट्रपति मिलेगा। कुछ समय पहले महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया और अब बारी है उपराष्ट्रपति की । चलिए आज आपको बताते हैं कि उपराष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है,इसकी क्या प्रक्रिया होती है, कोन कोन वोट करते हैं….
Who can contest Vice Presidential election आज उपराष्ट्रपति पद के लिए भाजपा वाली NDA ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को मैदान में उतारा तो वहीं, विपक्ष ने कांग्रेस नेत्री मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। आपको बता दें आज पूरे दिन वोटिंग चलेगी, और आज ही के दिन शाम होते होते यानी 6 से 7 बजे के लगभग यह सप्ष्ट हो जाएगा कि देश का उपराष्ट्रपति कोन बनेगा ।
जैसे सभी शीर्ष पदों का चुनाव लडने के लिए हमारे संविधान में कुछ नियम है वैसे ही उपराष्ट्रपति पद के लिए भी कुछ नियम और योग्यताएं निर्धारित की गई है। जैसे कि उपराष्ट्रपति के चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है। उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार की आयु 35 से अधिक होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी को एक निश्चित राशि भी जमानत के तौर पर जमा करनी होती है जो कि आम तौर पर सभी चुनावों में होती है, और 1/6 वोट नहीं मिलने पर ये राशि जब्त कर ली जाती है।इसके अलावा उम्मीदवार में वह सभी योग्यताएं होनी चाहिए, जो एक राज्यसभा सासंद बनने के लिए आवश्यक होती है।
वहीं हर एक उम्मीदवार को 20 प्रस्तावक जो कि सांसद होते हैं, उनकी आवश्यकता होती है। अर्थात चुनाव का नामांकन करने से पहले ही 20 सांसदों का साथ होना जरूरी होता है।
आपने इससे पहले अगर राष्ट्रपति चुनाव के बारे में जाना होगा तो आपने पढ़ा होगा कि राष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार होता है,आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति का चुनाव भी आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति से होता है।आसान भाषा में समझे तो इसका मतलब होता है कि वोटर एक ही वोट देता है, लेकिन उसे अपनी पसंद के आधार पर प्राथमिकता तय करनी होती है। वो सभी प्रत्याशियों को एक तरह से रेटिंग देता है ना कि सिर्फ एक व्यक्ति को चुनता है।
Read More: कार में जली दिग्गज एक्ट्रेस, ड्राइव करते वक्त हुआ दर्दनाक हादसा, मची अफरातफरी
आईए अब जान लेते हैं कि आखिर में उपराष्ट्रपति की जीत कैसे तय होती है। उप राष्ट्रपति के चुनाव में सासंदों के वोट की संख्या में आधे से ज्यादा वोट आने पर जीत तय होती है। इस पूरी प्रक्रिया में आधे से एक ज्यादा का आंकड़ा पार करना होता है। उदाहरण के लिए 400 सासंदों ने वोट दिया है तो उसके आधे यानी (50%) 200 हुए और इसमें अब 200 से एक ज्यादा यानी 201 वोट की आवश्यकता जीत के लिए होगी। इसमें अगर दशमलव की स्थिति होती है तो उसमें .50 को हटा दिया जाएगा।
जिस तरह राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सासंद वोटिंग में हिस्सा लेते हैं, वैसे ही इसमें भी सांसद हिस्सा लेते हैं।हालांकि उपराष्ट्रपति चुनाव में विधान मंडल के सदस्य हिस्सा नहीं लेते हैं यानी विधायक चुनाव में हिस्सा नहीं लेते हैं।सिर्फ सांसद ही वोट देते हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति चुनाव में जिस तरह से मनोनीत सांसद चुनाव में हिस्सा नहीं लेते हैं, उसके उलट इस चुनाव में वो सासंद भी हिस्सा लेते हैं।मतलब चुनाव में कुल 788 वोट डाले जा सकते है। इसमें लोकसभा के 543 सांसद और राज्यसभा 243 सदस्य वोट करते हैं। राज्यसभा सदस्यों में 12 मनोनीत सांसद भी हैं।
आपको बता दें कि संसद में सदस्यों की वर्तमान संख्या 788 है, और जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता होती है। वहीं लोकसभा में बीजेपी के कुल 303 हैं, बताया जा रहा है कि सांसद संजय धोत्रे तबीयत ठीक ना होने के चलते नहीं आ पाएंगे। इस तरह एनडीए के लोकसभा में कुल 336 सदस्य हैं। वहीं राज्यसभा में बीजेपी के 91 सदस्य हैं और एनडीए के कुल 109 सदस्य हैं।ऐसे में अब एनडीए के पास दोनों सदनों में कुल 445 सदस्य हैं।
आपको बता दें कि एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को विपक्ष का भी समर्थन मिला है, और इनमें वाईएसआरसीपी, बीएसपी, टीडीपी, बीजेडी, अन्नाद्रमुक, शिवसेना के विरोधी पक्ष आदि का समर्थन मिल चुका है। निर्वाचक मंडल अंकगणित के अनुसार, धनखड़ के पक्ष में दो-तिहाई वोट हैं।आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो धनखड़ की जीत सुनिश्चित लग रही है।