नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि आरक्षण हटाना लंबे समय से भाजपा-आरएसएस का ‘स्पष्ट लक्ष्य’ रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल किया कि क्या वह दलित, आदिवासी, और ओबीसी के लिए आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को हटाएंगे ।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि प्रधानमंत्री द्वारा इस्तेमाल की जा रही ‘अशोभनीय भाषा’ से पता चलता है कि वह ‘घबराए और डरे हुए’ हैं।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री से हमारा सीधा सवाल है…देश जानना चाहता है कि आप दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर पिछले 32 वर्षों से उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाई गई 50 प्रतिशत की सीमा हटाएंगे या नहीं? बाबासाहब आंबेडकर के संविधान में, नौवीं अनुसूची में तमिलनाडु के लिए प्रावधान हैं, जहां अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 69 प्रतिशत आरक्षण है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करेगी।
सोशल मीडिया पर एक अन्य पोस्ट में, रमेश ने आरोप लगाया कि आरक्षण हटाना लंबे समय से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके वैचारिक संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का ‘स्पष्ट लक्ष्य’ रहा है।
उन्होंने संविधान में कथित तौर पर बदलाव की आवश्यकता के बारे में बात करने वाले भाजपा नेताओं के वीडियो भी साझा किए।
कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि भाजपा संविधान में संशोधन का अधिकार सुरक्षित करने के लिए ‘400 पार’ (मौजूदा लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीट जीतने) की बात कर रही है क्योंकि भाजपा और आरएसएस ‘धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसदीय चुनाव में सभी पार्टी उम्मीदवारों से आग्रह किया है कि जब वे अपना नामांकन दाखिल करने जाएं या सार्वजनिक सभाओं और सम्पर्क कार्यक्रमों में जाएं तो संविधान की एक प्रति अपने साथ रखें और लोगों को बताएं कि जब तक विपक्षी दल है भाजपा तो क्या, दुनिया की कोई भी ताकत ‘‘संविधान को छीन नहीं सकती।’’
भाषा अमित रंजन
रंजन
रंजन
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भाजपा सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है:…
8 hours ago