नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने दावा किया है कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के संदेशखालि की महिलाओं को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए ‘‘मजबूर’’ किया जा रहा है और इस मामले में निर्वाचन आयोग से जांच की मांग की गई है।
तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को संदेशखालि की महिलाओं के कई कथित वीडियो साझा किये थे जिनमें दावा किया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक स्थानीय नेता ने कई महिलाओं से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराये और बाद में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ बलात्कार एवं यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने में उसका इस्तेमाल किया गया।
उन कथित वीडियो में महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें भाजपा कार्यकर्ता पियाली दास ने स्थानीय पुलिस थाने में व्यक्तिगत रूप से पेश होने और एनसीडब्ल्यू की टीम के समक्ष अपनी आपबीती बताने को कहा था। एनसीडब्ल्यू की टीम जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए संदेशखालि गई थी।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनका कभी भी यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने का इरादा नहीं था, लेकिन बाद में यह पता चलने पर उन्हें हैरानी हुई कि दास द्वारा कथित तौर पर उन सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराये जाने के बाद उनके नाम पर ऐसी शिकायतें दर्ज की गईं।
निर्वाचन आयोग को लिखे एक पत्र में एनसीडब्ल्यू ने निर्वाचन आयोग से मामले पर प्राथमिकता के आधार पर गौर करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की धमकी के कारण महिलाएं अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर न हों।
एनसीडब्ल्यू ने कहा, ‘‘आयोग के संज्ञान में आया है कि संदेशखालि की महिलाओं को तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।’’
इसने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता संदेशखालि की महिलाओं में डर पैदा कर रहे हैं ताकि पीड़ितों को अपनी शिकायतों के साथ आगे आने से रोका जा सके, जिससे क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।’’
एनसीडब्ल्यू ने निर्वाचन आयोग से इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर देखने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि महिलाएं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की धमकी के कारण अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर न हों।
इसने कहा कि निर्वाचन आयोग अधिकारियों को उचित कदम उठाने का निर्देश दे सकता है।
तृणमूल कांग्रेस द्वारा साझा की गई इन कथित वीडियो में महिलाओं को शिकायतों को वापस लेने की इच्छा व्यक्त करते हुए सुना गया।
‘पीटीआई’ ने सार्वजनिक की गई वीडियो की प्रामाणिकता की अब तक व्यक्तिगत तौर पर पुष्टि नहीं की है।
भाषा देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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