जन्मदिन : देव आनंद के काला कोट पहनने पर बेकाबू हो जाती थीं लड़कियां  | when Dev Anand wearing black coat girls became uncontrollable

जन्मदिन : देव आनंद के काला कोट पहनने पर बेकाबू हो जाती थीं लड़कियां 

जन्मदिन : देव आनंद के काला कोट पहनने पर बेकाबू हो जाती थीं लड़कियां 

:   Modified Date:  December 4, 2022 / 12:09 AM IST, Published Date : December 4, 2022/12:09 am IST

आज उस अभिनेता का जन्मदिन है, जो जब तक जिंदा रहे, सदाबहार रहे, जिंदादिली की मिसाल बने रहे और जब वो नहीं हैं, तब भी उनकी यादें और उन्हें लेकर कही-सुनी जाने वाली कहानियां अक्सर चर्चे में आया करती हैं। कहने की जरूरत नहीं कि उनका नाम है देव आनंद। जी हां..देव आनंद जो अभिनेता, निर्माता, निर्देशक के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखते थे और उनके फैंस की बहुत बड़ी संख्या थी। लड़कियां तो देव आनंद की ऐसी दीवानी थीं कि एक जमाने में यहां तक सुनने को आता था कि उनके काले कपड़े पहनने पर इसलिए रोक तक लग गई कि कहीं उनके लिए लड़कियां खुदकुशी न करने लगें! ये देव आनंद की फिल्म कालापानी के वक्त की बात है, जब देव आनंद को काला कोट पहनने से इसलिए रोक दिया गया क्योंकि कालेकोट में वो इतने खूबसूरत लगते थे कि ऐसी आशंका तक जताई जाती थी कि उनकी एक झलक के लिए कहीं लड़कियां छत से न कूद जाएं! काला कोट और सफेद शर्ट को देव आनंद ने उस दौर का फैशन ट्रेंड बना दिया था। दर्शक ही नहीं, बॉलीवुड अभिनेत्रियां भी देव आनंद की दीवानी थीं और उनमें से एक अभिनेत्री तो ऐसी भी थीं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने जीवन भर सिर्फ इसलिए शादी नहीं की क्योंकि उनकी शादी देव आनंद से नहीं हो पाई।

देव आनंद और सुरैया की फिल्म विद्या की शूटिंग चल रही थी, बताया जाता है कि इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों को अपना पहला-पहला प्यार हुआ था। देव आनंद ने सुरैया से शादी करने का फैसला लिया और फिल्म के सेट पर ही उन्हें अंगूठी देकर प्रपोज भी कर दिया, सुरैया को तो इस पल का इंतजार पहले से ही था, लेकिन उनके घरवाले इस शादी के खिलाफ थे। ये वो दौर था, जब कामयाब और बड़ी शख्सियतें भी परिवार और समाज के बंधन को तोड़ने की हिम्मत नहीं कर पाती थीं। बाद में देव आनंद की शादी तो कल्पना कार्तिक से हो गई, लेकिन सुरैया ने पूरी जिंदगी कुंवारी ही रहने का फैसला लिया और रहीं भी।

भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले देव आनंद का जन्म 26 सितंबर 1923 को हुआ था। 1949 में देव आनंद ने नवकेतन फिल्म्स के नाम से अपने भाई चेतन आनंद के साथ फिल्म निर्माण कंपनी बनाई। साल 2001 में प्रतिष्ठित पद्म भूषण सम्मान से विभूषित किए गए और 2002 में उन्हें फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। 3 दिसंबर 2011 को देव आनंद का लंदन में दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ था। देव आनंद की प्रमुख फिल्मों में किस्मत, अछूत कन्या, विद्या, जीत, नीली, दो सितारे, सनम, गाइड, आंधियां, टैक्सी ड्राइवर, काला बाजार, सोलहवां साल, काला पानी, बात एक रात की, सीआईडी, पॉकेटमार, बंबई का बाबू, जाल, जब प्यार किसी से होता है, महल, ज्वेल थीफ, जॉनी मेरा नाम शामिल हैं। देव आनंद ने वहीदा रहमान, सुरैया से लेकर हेमा मालिनी, जीनत अमान और टीना मुनीम जैसी अभिनेत्रियों के साथ नायक की भूमिका निभाई, इसीलिए उन्हें सदाबहार अभिनेता कहा जाता था।