युवा दिवस विशेष: युवाओं के इर्दगिर्द राजनीति घूमती राजनीति, कितना मिला प्रतिनिधित्व ? |

युवा दिवस विशेष: युवाओं के इर्दगिर्द राजनीति घूमती राजनीति, कितना मिला प्रतिनिधित्व ?

Youth Day Special : भारतीय राजनीति में वैसे तो कई युवा नेता है लेकिन जिन्‍होंने बहुत कम समय मे अपनी छवि को निखारा है, हम आप को आज उन चुनिंदा हस्तियों से मुखातिब करवा रहे हैं। जो आने वाले समय के राजनेता है। जिन्‍हे यूथ के साथ आम जनता का भी सपोर्ट मिल रहा है।

Edited By :   Modified Date:  January 12, 2023 / 03:22 PM IST, Published Date : January 12, 2023/3:02 pm IST

Youth Day Special

रायपुर। आज की राजनीति के केंद्र में युवा है, भारत का हर राजनीतिक दल अपने पक्ष में और अपनी पार्टी में युवाओं को देखना चाहता है। यही कारण है कि युवाओं को लुभाने के लिए कई प्रकार की घोषणाएं और तरीके अपनाएं जा रहे हैं। कई दलों ने तो युवाओं को रिझाने के लिए राजनीतिक पदों पर अच्छा ओहदा भी दिया, कईयों ने उन्हे प्रतिनिधित्व भी सौंपा लेकिन इसके बाद भी समाज और राजनीति में क्या कुछ बदला भी ये सोचनीय विषय है।

आज युवा दिवस पर हम कुछ ऐसे ही युवा चेहरों की चर्चा करेंगे। आज सबसे जरूरी है कि वे युवा जो नई सोच रखते हैं। समाज को आगे लेकर जाने की इच्छाशक्ति रखते हैं और ईमानदारी से वह सबकुछ करने का जिससे समाज में बदलाव आए उन्हें आगे आना चाहिए। युवा ही इसकी दिशा बदल सकते हैं। अच्छी पढ़ाई और ज्ञानवान यूथ को इसके प्रति सोचना होगा। सत्ता का मोह छोड़कर जनता और समाज के हितों के बारे में सोचना होगा। इसके बाद समाज में बदलाव निश्चत होना तय है।

कुछ युवाओं का ध्यान अपनी पढ़ाई या प्रतियोगी परीक्षाओं पर रहता है। इसलिए वे राजनीति में नहीं जाना चाहते। आज भी अच्छे घरों के उच्च शिक्षित युवा राजनीति में अपना करियर बनाना चाहते हैं। कई विसंगतियां जो हमें देश की राजनीति में दिखती हैं तो उन्हें दूर करने के लिए देश के युवाओं को आगे आना होगा। देश की राजनीति को सुधारने के लिए पढ़े-लिखे युवाओं को राजनीति में आना ही होगा। भारत का भविष्य भी उज्जवल होगा। हालांकि कुछ युवा राजनेताओं को राजनीति में बड़ा स्थान या पद परिवारवाद के कारण भी मिला है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इन राजनेताओं ने युवा वर्ग को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया है।

भारतीय राजनीति के युवा चेहरे

भारतीय राजनीति में वैसे तो कई युवा नेता है लेकिन जिन्‍होंने बहुत कम समय मे अपनी छवि को निखारा है, हम आप को आज उन चुनिंदा हस्तियों से मुखातिब करवा रहे हैं। जो आने वाले समय के राजनेता है। जिन्‍हे यूथ के साथ आम जनता का भी सपोर्ट मिल रहा है।

1. अनुराग ठाकुर

अनुराग सिंह ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी से सम्बद्ध एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। अनुराग 2014 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। वह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं। वह खेल, युवा मामलों के मंत्री और सूचना और प्रसारण मंत्री हैं। इससे पहले, ठाकुर वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।

पहली बार मई 2008 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा के लिए चुने गए थे, वे चौथी बार, 14वीं, 15वीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा के सदस्य हैं। ठाकुर जनवरी, 2019 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले भारतीय जनता पार्टी के पहले सांसद बने।

अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। 25 साल की उम्र में अनुराग हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने। 2010 में वह भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष नियुक्त किये गए।

अनुराग ठाकुर जुलाई 2016 में, प्रादेशिक सेना का हिस्सा बने, बाद में, उन्हें कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया। वह प्रादेशिक सेना में कमीशंड अधिकारी बनने वाले भाजपा के पहले सांसद हैं।

2. अखिलेश यादव

अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के बड़े बेटे हैं। अखिलेश समाजवादी पार्टी के चेयरपर्सन भी हैं। वह वर्तमान समय मे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। 38 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश की राजनैतिक बागडोर संभालने वाले वह सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। अखिलेश यादव कन्नोज विधानसभा से जीते हैं।

3- राहुल गांधी

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे और नेहरू गांधी परिवार से आने वाले राहुल गांधी देश की राजनीति का एक युवा चेहरा है। वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस की वर्तमान अध्यक्ष सोनियां गांधी के बेटे हैं। राहुल को पार्टी की ओर से 2014 में हुए लोक सभा चुनावों के लिए पीएम कंडीडेट के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया था। वह अमेठी से मेंबर ऑफ पार्लियामेंट रहे हैं। 42 वर्ष की उम्र में वो देश की दूसरी सबसे बड़ी नेशनल पार्टी के उपाध्यक्ष बन गए थे।

4- ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्व कांग्रेस लीडर माधवराव सिंधिया के बेटे हैं। वह ग्वालियर के राजघराने से संबंध रखते हैं। वह इस समय भाजपा के सासंद और केंद्रीय उड्यन मंत्री के रूप में मोदी सरकार में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनके ​उड्यन मंत्री बनने के बाद देश में हवाई उड़ानों की संख्या और प्रगति में काफी तेजी आई है, उनके नेतृत्व में काफी तेजी से देश में हवाई यात्रियों की सुविधाओं में इजाफा हो रहा है।

5- अगाथा संगमा

मेघालय के तुरा संसदीय क्षेत्र से अगाथा संगमा सांसद हैं। वह कांग्रेस पार्टी की टिकट पर वहां से जीती हैं। यूपीए सरकार की दूसरी कैबिनेट में वह 29 वर्ष की उम्र मे वह सबसे युवा सांसद हैं। वह पूर्व लोकसभा स्पीकर पीए संगमा की बेटी हैं। अगाथा पर्यावरण के क्षेत्र में काम करती हैं। वह एक वकील भी हैं। उन्हें फोटोग्राफी करने का शौक है।

6- सुप्रिया सुले

सु्प्रिया सुले पूर्व कृषि मंत्री और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार की बेटी हैं। सुप्रिया पुणे की ऊर्जावान नेता हैं। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए चलने वाले कैंपेन में वह एक सक्रिय नेता है। वह देश की सबसे युवा पीढ़ी से आती हैं। वह मुंबई के नेहरू सेंटर की ट्रस्टी भी हैं। 15वें लोक सभा चुनाव में वह चुनी गई। वह पूर्व में राज्य सभा की सदस्य भी रह चुकी हैं।

7- जितेन्द्र सिंह

जितेन्द्र सिंह राजस्थान से हैं। उनका पूरा नाम जितेन्द्र प्रताप सिंह प्रभाकर बहादुर है। वह वर्तमान में स्टेट ऑफ यूथ अफेयर्स और स्पोटर्स के राज्य मंत्री हैं। वह राज्य के गृह मंत्री भी रह चुके हैं। कंग्रेस के टिकट पर जितेन्द्र ने राजस्थान के अलवर से चुनाव जीता था। वह भारत के सबसे युवा राजनेताओं मे से एक हैं।

8- नवीन जिंदल

नवीन जिंदल मशूहर कारोबारी और पूर्व कांग्रेस के नेता ओपी जिंदल के बेटे हैं। वह हरियाणा के कुरूक्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। वह टेक्सस यूनिवर्सिटी से एमबीए हैं। वह जिंदल स्टील और पावर लि. के चेयरमैन हैं। उन्होंने सर्वाजनिक रूप से उन सभी लोगों का साथ दिया जो कहते हैं कि उन्हे राष्ट्रध्वज अपने घर की छत पर लगाना है। वह जिंदल स्कूल और मैनेजमेंट के चेयरमैन हैं। स्वास्थ और शिक्षा से जुड़े कार्यक्रमों मे उनकी भागेदारी नजर आती है।

9- सचिन पायलट

सचिन पायलट कांग्रेस के पूर्व नेता राजेश पायलट के बेटे हैं। जिन्होंने इंडियन एयरफोर्स मे स्क्वाडन लीडर के तौर पर देश की सेवा की। सचिन अपने पिता के नक्शे कदमो पर चले। वह अजमेर से सांसद रह चुके हैं। वह कॉपोरेट अफेयर्स मिनिस्टर भी रह चुके हैं। सचिन ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्लाह की बेटी सारा से लव मैरिज की है। सारा उमर अब्दुल्लाह की बहन हैं।

10- मिलिंद देवड़ा

मिलिंद देवड़ा पूर्व राजनेता और मंत्री रहे मुरली देवड़ा के बेटे हैं। मिलिंद साउथ मुंबई संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के सांसद हैं। वह देश के सबसे युवा नेताओं मे से एक हैं। युवाओं मे मिलिंद खासे लोकप्रिय हैं। कई मामलों मे उनके विचार युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

इनके अलावा भी भारतीय राजनीति के कुछ युवा चेहरे हैं जिनमें हार्दिक पटेल, तेजस्वी यादव, कन्हैया कुमार, चिराग पासवान, मुकेश सहनी आदि नाम हैं। जिन्होंने भारतीय राजनीति में प्रभावी दखल रखा है।

11. तेजस्वी यादव

अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की उंगली पकड़कर सियासत में एंट्री मारने वाले तेजस्वी यादव, बिहार के युवा नेताओं की लिस्ट में सबसे छोटे यानी सिर्फ 32 साल के हैं। साल 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद बिहार के सबसे प्रभावशाली युवा नेताओं की लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर हैं। राजद की राजनीतिक विरासत संभाल रहे तेजस्वी को शुरुआत में ‘कमतर’ साबित करने की कोशिश की गई, लेकिन अपनी मेहनत से उन्होंने खुद को ‘लंबी रेस का घोड़ा’ साबित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। उनकी रणनीतियों, बयानों और सधी हुई पॉलिटिक्स करने के अंदाज ने सबको लाजवाब भी किया और चौंकाया भी है।

12. चिराग पासवान

दलित नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत संभाल रहे चिराग पासवान अभी उम्र के दूसरे पड़ाव की दहलीज पर हैं। वे 39 साल के हैं और समर्थकों के बीच उन्होंने ‘युवा बिहारी’ के नाम से पहचान बनाई है। साल 2019 के लोकसभा और 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से वे लगातार अपनी लोक जनशक्ति पार्टी को व्यापक जनाधार वाला दल बनाने की कोशिश में जुटे हैं, एनडीए में रहते हुए भी उनकी खुद की पहचान बनाने की ‘कश्मकश’ जारी है।

13. कन्हैया कुमार

तेजस्वी यादव से उम्र में महज 3 साल बड़े कन्हैया कुमार, अपनी धारदार वक्तृता के लिए जाने जाते हैं। जेएनयू छात्रसंघ का अध्यक्ष, फिर कम्युनिस्ट पार्टी और अब कांग्रेस में आ चुके 35 वर्षीय कन्हैया कुमार, अभी तक राजनीतिक जमीन बनाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने भाजपा नेता गिरिराज सिंह के खिलाफ लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, लेकिन खेत रहे, इसके बाद ही कांग्रेस में शामिल हुए, इन दिनों कयास लग रही है कि उन्हें कभी भी पार्टी बिहार की कमान सौंप सकती है।

14. नितिन नवीन

भाजपा के दिग्गज नेता रहे नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा के बेटे और वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री पद संभाल चुके नितिन नवीन, प्रदेश की राजनीति में युवा नेताओं की लिस्ट में तेज-तर्रार पॉलिटिशियन के रूप में जाने जाते हैं। जमीनी पकड़ और धारदार बयानों से पहचान बनाने वाले नितिन, धीरे-धीरे ही सही मगर भाजपा की सेकेंड-लाइन में जगह बनाने में सफल रहे हैं, राजधानी पटना में रहकर ही उन्होंने सियासत का ककहरा सीखा है, जिसकी झलक में उनमें दिख जाती है।

15. मुकेश सहनी

बॉलीवुड फिल्मों की सेट डिजाइन करने वाले मुकेश सहनी पिछले लगभग एक दशक से बिहार की राजनीति में अपने को ‘सेट’ करने के लिए सक्रिय हैं। निषाद यानी मल्लाह जाति के नेता के तौर पर राजनीति शुरू करने वाले 41 साल के मुकेश सहनी ने विकासशील इंसान पार्टी बनाकर पहले महागठबंधन का खेमा पकड़ा, फिर मौका देखकर एनडीए में शामिल हो गए, हालांकि जिस नाटकीयता से उन्होंने एनडीए की डोर थामी थी, उससे कहीं अधिक नाटकीय रूप से वे उससे पलायन भी कर गए। बिहार में हाल के दिनों में हुए सियासी उठापटक के दौरान उनकी पार्टी टूटकर बिखर गई, जिन्हें वापस जोड़ने की कवायद में इन दिनों वे जुटे हुए हैं।