Sugar Free Modak: नई दिल्ली। रक्षा बंधन के शुरू होते ही हमारे यहां त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है। त्योहारों के मौसम का मतलब है खूब सारी मिठाई या मीठा खाना। आगामी 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी है, जिसमें खूब मोदक और लड्डू खाए जाते हैं, पर भारी मसालेदार खाने और मीठे के दौर में फिटनेस भी ज़रूरी है। कैसे मैनेज किया जाए?
इसका सबसे सीधा सरल उपाय है मीठे को कम करना पर स्वाद न जाए, उस ख़ातिर भी जतन किए जाते हैं। चीनी की जगह अर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाता है। क्या आपको मालूम है कि कथित रूप से हेल्दी माने जाने वाले अर्टिफिशियल स्वीटनर डायरिया सहित कई अन्य बीमारियों को बुलावा दे सकते हैं।
Sugar Free Modak: भारत में खाने की चीज़ों का पूरा बाज़ार लगभग 60,000 करोड़ का है। इसमें बड़ा प्रतिशत शुगरफ्री मिठाइयों का भी है। अमूमन 500 करोड़ से अधिक की भागीदारी शुगरफ्री मिठाइयों की मानी जाती है। इसके LOW SUGAR और NO ADDED SUGAR मिठाइयों को भी स्वाद चाहने वाले फिटनेस फ्रिक मिठाई के शौकीनों के द्वारा ख़ासा पसंद किया जाता है।
शुगर फ्री होने का अर्थ यह लिया जाता है कि यह पूरी तरह फैट फ्री, कार्ब फ्री और कैलोरी फ्री होगा। जबकि वास्तव में रिफाइंड चीनी के न होने के बावजूद मिठाइयों में कई ऐसे तत्व होते हैं जिनमें काफी अधिक मात्रा में फैट या वसा होता है, मसलन शुगर फ्री चॉकलेट में कोकोआ बटर काफी फैटी माना जाता है। इसके लिए ज़रूरी है कि आप मिठाई लेते ही पहले उसका लेबल देख लें।
Read more: इस बार स्थापित करें ईको फ्रेंडली गणपति, घर बैठे देखें बनाने का आसान तरीका
Sugar Free Modak: न्यूट्रीशल वैल्यू को जानना हमेशा स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर होता है। इतना ही नहीं, शोध से यह साबित हो चुका है कि ज़ीरो कैलोरी मिठास कई बार आपकी भूख को बढ़ा देती है जिसकी वजह से आप अधिक खाना चाहते हैं। आवश्यकता से अधिक खाना पूरे डायटरी सिस्टम को बिगाड़ सकता है।
होना चाहिए केवल इतना मीठा
सरकारी नियमों के मुताबिक़ बिना रिफाइंड चीनी वाली मिठाइयों में प्रति 100 ग्राम चीनी केवल 0.5 ग्राम होनी चाहिए. अक्सर कम्पनियां भ्रामक डेटा देती हैं और 100 ग्राम की जगह 10 या 20 ग्राम कंटेंट पर शुगर की मात्रा दिखाती हैं. यह झूठा और ख़तरनाक है।