e-Granthalaya Software: डिजिटल फॉर्मेट में मिलेगी दुर्लभ पुस्तकें

डिजिटल फॉर्मेट में मिलेगी दुर्लभ पुस्तकें, ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से जुड़ने जा रहे प्रदेश के कई विश्वविद्यालय

e-Granthalaya Software: डिजिटल फॉर्मेट में मिलेगी दुर्लभ पुस्तकें, ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से जुड़ने जा रहे प्रदेश के कई विश्वविद्यालय

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : August 24, 2022/11:20 am IST

e-Granthalaya Software: भोपाल। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों को अब ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा जिससे प्रदेशभर के करीब 16 लाख स्टूडेंट्स को कई किताबों और स्टडी मटेरियल के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उच्च शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर की मदद से स्टूडेंट्स को कई दुर्लभ किताबें फ्री में डिजिटल फॉर्मेट में पढ़ने के लिए मिलेगी। यह सॉफ्टवेयर भारत सरकार के एनआईसी ने बनाया है और अब तक इससे देश के 28 हजार एजुकेशन इंस्टीट्यूट जुड़े है। इससे अकादमिक गुणवत्ता में सुधार होगा।       >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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उच्च शिक्षा विभाग ने MOU किया साइन

e-Granthalaya Software: मप्र उच्च शिक्षा विभाग ने एनआईसी के साथ MOU साइन किया है और जल्द ही मध्य प्रदेश के स्टूडेंट्स को यह सुविधा मिलने लगेगी। स्टूडेंट अपनी सहूलियत के हिसाब से इसे मोबाइल एप के जरिए भी इस्तेमाल कर सकते है जिसके लिए उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। मध्यप्रदेश के सभी 528 शासकीय महाविद्यालय और 16 शासकीय विश्वविद्यालय भारत सरकार के एनआईसी के ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से सीधे जुड़ेंगे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5 प्रतिशत पदों पर सहायक प्राध्यापकों की नवीन भर्ती के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। प्राध्यापकों को 10 हजार ग्रेड-पे दिए जाएंगे। साथ ही भूमिहीन महाविद्यालयों को भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

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ऑनलाइन पंजीयन कर उठाए इस सुविधा का लाभ

e-Granthalaya Software: बता दें कि वर्तमान में देश के 28 हजार शिक्षण संस्थान ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से जुड़े हैं। यह मोबाइल पर भी उपलब्ध है। विद्यार्थी ऑनलाइन पंजीयन कर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं । महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों में उपलब्ध संसाधनों को इस पर अपलोड किया जा सकता है, जिसमें अन्य महाविद्यालय, विश्वविद्यालय उनका लाभ ले सकें। एनआईसी के अधिकारियों ने बताया कि सॉफ्टवेयर के उपयोग को लेकर महाविद्यालय की लाइब्रेरी में पदस्थ स्टाफ और प्राध्यापकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

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