इंदौर के जंगल में चल रहे पटाखा कारखाने में विस्फोट, तीन मजदूर गंभीर रूप से झुलसे |

इंदौर के जंगल में चल रहे पटाखा कारखाने में विस्फोट, तीन मजदूर गंभीर रूप से झुलसे

इंदौर के जंगल में चल रहे पटाखा कारखाने में विस्फोट, तीन मजदूर गंभीर रूप से झुलसे

:   Modified Date:  April 16, 2024 / 07:45 PM IST, Published Date : April 16, 2024/7:45 pm IST

इंदौर, 16 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में जंगली इलाके के खेत में चलाए जा रहे पटाखा कारखाने में मंगलवार को विस्फोट में तीन मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

हरदा के पटाखा कारखाने में छह फरवरी को भीषण विस्फोट के महज 70 दिन बाद इंदौर के पटाखा कारखाने में विस्फोट हुआ। इस घटना ने सूबे में पटाखा कारखानों के संचालन और इनमें आग से बचाव के इंतजामों की सरकारी निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी ने बताया कि महू थाना क्षेत्र के आम्बा चंदन गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर जंगली इलाके में चलाए जा रहे कारखाने में रस्सी बम बनाए जाने के दौरान हुए विस्फोट में रोहित परमानंद (20), अर्जुन राठौर (27) और उमेश चौहान (29) झुलस गए।

चौधरी ने बताया कि झुलसे मजदूरों में शामिल रोहित इंदौर जिले का निवासी है, जबकि राठौर और चौहान महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के रहने वाले हैं। डीएसपी ने बताया कि तीनों घायलों को इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

चोइथराम हॉस्पिटल के एक अधिकारी ने बताया कि पटाखा कारखाने के तीनों मजदूर औसतन 70 प्रतिशत तक जल गए हैं और धमाके के बाद दूर जा गिरने से इनमें से एक श्रमिक की हड्डियां भी चोटिल हुई हैं। उन्होंने बताया कि तीनों मजदूरों की हालत ‘‘गंभीर’’ है।

विस्फोट की प्रत्यक्षदर्शी जाहिदा ने बताया,‘‘मैंने देखा कि कारखाने में अचानक धमाका हुआ और कारखाना पूरी तरह नष्ट हो गया।’’

उन्होंने बताया कि घायल मजदूरों के मुताबिक पटाखा कारखाने में किसी चीज पर पैर पड़ जाने के बाद विस्फोट हुआ। प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया कि कारखाने में रस्सी बम बनाए जाने के लिए अलग-अलग रसायन मिलाकर बारूद तैयार किया जाता था।

पुलिस के मुताबिक यह कारखाना इंदौर से सटे राऊ कस्बे का निवासी शाकिर खान चला रहा था।

मौके पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) रूपेश कुमार द्विवेदी ने बताया,‘‘पटाखा कारखाना जंगली इलाके में चार बीघा में फैले एक खेत में चलाया जा रहा था। शुरुआती तौर पर पता चला है कि कारखाने का लाइसेंस 31 मार्च तक वैध था। लाइसेंस की वैधता को लेकर जांच जारी है।’’

चश्मदीदों ने बताया कि पटाखा कारखाना लोहे के तारों से बनाई गई चहारदीवारी के अंदर चलाया जा रहा था और इसमें टीन की चादरों से कमरेनुमा ढांचे तैयार किए गए थे।

उन्होंने बताया कि विस्फोट के बाद कारखाना परिसर में आग लग गई और टीन की चादरों के दूर जाकर गिरने से यह परिसर फिलहाल सपाट मैदान की तरह दिखाई दे रहा है।

पटाखा कारखाने में विस्फोट के बाद इंदौर के जिलाधिकारी आशीष सिंह घायल मजदूरों का हाल-चाल जानने के लिए चोइथराम हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने बताया,’प्राथमिक जानकारी के मुताबिक जंगली इलाके में कारखाना परिसर के दूर-दूर बने आठ कमरेनुमा ढांचों में 12-13 लोग काम कर रहे थे। इनमें से एक कमरे में विस्फोट हुआ जिसमें तीन मजदूर घायल हुए।’

इंदौर के जिलाधिकारी सिंह ने दावा किया कि पटाखा कारखाना परिसर में आग बुझाने वाले यंत्र रखे थे। उन्होंने कहा कि जांच की जा रही है कि इस परिसर में विस्फोट किन हालात में हुआ।

भाषा हर्ष संतोष

संतोष

 

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