Publish Date - April 23, 2025 / 05:38 PM IST,
Updated On - April 23, 2025 / 05:38 PM IST
Viral Post of Pahalgam Attack | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
पहलगाम हमले पर वायरल आपत्तिजनक पोस्ट की जांच,
जीशान नाम के व्यक्ति से भोपाल पुलिस ने पूछताछ कर मोबाइल की जांच की,
सोशल मीडिया पोस्ट में पुलिस को जीशान खान की संलिप्तता नहीं मिली....
भोपाल: Viral Post of Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर भोपाल पुलिस सतर्क हो गई है। इस मामले में भोपाल निवासी ज़ीशान खान से पूछताछ की गई जिनका नाम कथित तौर पर विवादित पोस्ट से जोड़ा जा रहा था। जांच में खुलासा हुआ है कि ज़ीशान खान का इस पोस्ट से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
Viral Post of Pahalgam Attack: भोपाल पुलिस की साइबर सेल ने ज़ीशान खान के मोबाइल फोन की गहन जांच की और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाला। जांच में यह सामने आया कि ज़ीशान ने मूल रूप से एक अन्य यूज़र की पोस्ट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए नाराज़गी जताई थी। हालांकि, किसी अज्ञात व्यक्ति ने उस पोस्ट को एडिट कर ऐसा रूप दे दिया कि वह ज़ीशान की ओर से लिखी गई प्रतीत हो रही है। वायरल हो रही पोस्ट एडिटेड है और जानबूझकर किसी ने इसे ज़ीशान की पहचान के साथ जोड़ा है। भोपाल पुलिस अब उस व्यक्ति की तलाश कर रही है जिसने इस पोस्ट को एडिट किया और सोशल मीडिया पर फैलाया।
Viral Post of Pahalgam Attack: भोपाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की हमने जीशान खान से पूछताछ की और उनके मोबाइल डिवाइस की तकनीकी जांच की। अब तक की जांच में उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है। एडिटेड पोस्ट के पीछे जो भी व्यक्ति ज़िम्मेदार है, उसकी पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
Viral Post of Pahalgam Attack: पुलिस ने नागरिकों से सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने या बिना पुष्टि के पोस्ट शेयर करने से बचने की अपील की है। इस तरह के मामलों में गलत जानकारी ना सिर्फ किसी निर्दोष की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि साम्प्रदायिक तनाव का कारण भी बन सकती है।
"ज़ीशान खान विवादित पोस्ट" मामले में यह सामने आया है कि किसी ने एक पोस्ट को एडिट करके ज़ीशान के नाम से वायरल कर दिया, जबकि उन्होंने ऐसी कोई आपत्तिजनक बात नहीं लिखी थी।
"भोपाल पुलिस की जांच" में क्या निष्कर्ष निकला है?
"भोपाल पुलिस की जांच" में यह निष्कर्ष निकला है कि ज़ीशान खान निर्दोष हैं। उन्होंने मूल रूप से उस पोस्ट का विरोध किया था, न कि समर्थन।
"डिजिटल फॉरेंसिक जांच" क्या होती है?
"डिजिटल फॉरेंसिक जांच" एक तकनीकी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति के मोबाइल, कंप्यूटर या सोशल मीडिया खातों की जांच कर यह पता लगाया जाता है कि आपत्तिजनक सामग्री उसके डिवाइस से उत्पन्न हुई या नहीं।
"एडिटेड पोस्ट वायरल" करने वाला व्यक्ति कौन है?
"एडिटेड पोस्ट वायरल" करने वाले व्यक्ति की पहचान अभी नहीं हुई है। भोपाल पुलिस उस शख्स की तलाश में लगी है जिसने पोस्ट को एडिट कर ज़ीशान से जोड़ दिया।
"सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट शेयर" करने से क्या हो सकता है?
"सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट शेयर" करने से अफवाहें फैल सकती हैं, निर्दोष लोगों को नुकसान पहुंच सकता है और समाज में साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है। यह एक दंडनीय अपराध भी हो सकता है।