बीएमएचआरसी में कोविड प्रबंधन का श्रेय महिला ‘वॉरियर्स’ को : संस्थान निदेशक डॉ. प्रभा |

बीएमएचआरसी में कोविड प्रबंधन का श्रेय महिला ‘वॉरियर्स’ को : संस्थान निदेशक डॉ. प्रभा

बीएमएचआरसी में कोविड प्रबंधन का श्रेय महिला ‘वॉरियर्स’ को : संस्थान निदेशक डॉ. प्रभा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : March 8, 2022/9:16 pm IST

भोपाल, आठ मार्च (भाषा) भोपाल गैस कांड के पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने के लिये स्थापित किया गए ‘भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर’ (बीएमएचआरसी) की निदेशक डॉ. प्रभा देसिकन ने कोरोना महामारी के वैश्विक संकट के दौरान संस्थान में कोविड प्रबंधन का श्रेय महिला कोरोना ‘वॉरियर्स’ को देते हुए कहा कि उस दौर में चिकित्सा और नर्सिंग स्टाफ की महिला शक्ति ने जिस प्रकार से अपनी जान की परवाह किये बिना मरीजों की सेवा की वह अनुकरणीय है।

डॉ. देसिकन ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संस्थान की महिला चिकित्सकों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संस्थान की उपलब्धियों के पीछे महिलाओं के योगदान का जिक्र करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि संस्थान के प्रबंधन और संचालन को श्रेष्ठ बनाने के लिये बीते कई सालों से एक मौन क्रांति चल रही है जिसकी कमान महिला चिकित्सकों और अन्य विभागीय कर्मचारियों के हाथ में है और यह संस्थान देश-दुनिया के सामने महिलाओं के कुशल प्रबंधन का भी उदाहरण बनकर सामने आया है।

गौरतलब है कि बीएमएचआरसी की निदेशक सहित विभिन्न विभागों की विभागाध्यक्ष भी महिला चिकित्सक हैं। कार्यक्रम का आयोजन नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. हेमलता यादव, रेडियोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. रचिता जैन और वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजली शर्मा ने किया।

डॉ. प्रभा ने कहा कि बीएमएचआरसी आज न सिर्फ अपने मूल उद्देश्य को पाने में कामयाब हुआ है बल्कि चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में शोध के दायरे को भी बहुत व्यापक बनाने की उपलब्धि संस्थान ने हासिल की है।

निदेशक ने इस मौके पर बीएमएचआरसी के कुशल संचालन में बेहतर योगदान दे रही महिला डॉक्टरों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की आयोजक और वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमलता यादव ने कहा, ‘‘कम लोगों को ही पता है कि बीएमएचआरसी में 70 प्रतिशत से अधिक प्रशासनिक जिम्मेदारी महिलाएं संभाल रही हैं।” उन्होंने कहा कि इसके अलावा कम से कम सात मुख्य इकाइयां भी महिलाओं द्वारा संचालित हो रही हैं, जबकि चार विभागों की विभागाध्यक्ष भी महिलाएं हैं।

भाषा दिमो

प्रशांत

प्रशांत

 

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