इंदौर (मध्यप्रदेश), 17 अगस्त (भाषा) हिन्दी फिल्मों के बहिष्कार को लेकर सोशल मीडिया पर जोर पकड़ते रुझान के बारे में अभिनेता विजय देवरकोंडा ने बुधवार को कहा कि अगर लोगों के मन में कुछ ‘वास्तविक’ चिंताएं या गलतफहमियां हैं, तो इन्हें समझ कर दूर किया जाना चाहिए।
इस रुझान के बारे में पूछे जाने पर देवरकोंडा ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहूंगा कि फिल्में सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि सिनेमाघरों में देखी जाती हैं। हालांकि, लोगों के मन में अगर कुछ वास्तविक चिंताएं या गलतफहमियां हैं, तो हमें इन्हें समझकर इनका समाधान करने की जरूरत है।’
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग अपने आप में बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसमें परदे पर दिखाई देने वाले अदाकारों के साथ ही हजारों व्यक्ति परदे के पीछे काम करके आजीविका कमाते हैं, जिनमें सिनेमाघरों में समोसे बेचने वाले लोग तक शामिल हैं।
वर्ष 2011 में परदे पर उतरी तेलुगु फिल्म ‘‘नुव्विला’’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखने देवरकोंडा ने कहा कि वह हिन्दी फिल्मों के अभिनेता रणबीर कपूर से खासे प्रभावित रहे हैं और उनकी फिल्में आज भी देखते हैं।
उन्होंने यह भी कहा,‘‘मुझे जब एक बार लगा कि मेरा अभिनेता बनना असंभव है, तो मुझे अभिनय जगत में चिरंजीवी और शाहरुख खान के शुरुआती संघर्ष से काफी प्रेरणा मिली।’’
देवरकोंडा अपनी अगली फिल्म ‘‘लाइगर’’ के प्रचार के लिए सह अभिनेत्री अनन्या पांडे के साथ इंदौर आए थे। पुरी जगन्नाथ की निर्देशन में बनी यह फिल्म 25 अगस्त से सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है।
भाषा हर्ष धीरज
धीरज
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
PM Modi Khargone Visit: इस दिन खरगोन आ रहे पीएम…
51 mins ago